Main Bhul Gai Ri Dadi
मैं भूल गई री दादी घर से माँ मैं आती
थारे नाम की बुली चुन्दडी थारे मंगल पाठ मैं आती,
मैं भूल गई री दादी घर से माँ मैं आती
छोटा छोटा टाबरियां मैं सागे खीच ले आई
करे दादी ज्योति दर्शन तो नैना ज्योत समाई
म्हारे अंगना सती है दादी मैं पालना झुलाती
मैं भूल गई री दादी घर से माँ मैं आती
शिंगार की शोभा चमके दादी शीश पे छत्र लटके
माथे बिंदी सूर्ये मनी हर चुंदनी हीरा चमके
नाके नथनी लाल जड़ी है गल कर्ण फूल है दाती
मैं भूल गई री दादी घर से माँ मैं आती
तेरी हरी भरी रहे भगियाँ माँ तेरे आँचल,
खुशियाँ रहे सदा सुहागन दादी तेरी सखी सहेली
जन मंगल पाठ की भावना हिरदे में ज्योति जगाती
मैं भूल गई री दादी घर से माँ मैं आती
तू अधि माँ है शक्ति नव् दुर्गे संग है चलती
थारो धरती बनो देवरो माँ पूरण रक्शा तू करती
रख हाथ दया का सजन कं कं महिमा गाती
मैं भूल गई री दादी घर से माँ मैं आती
मैं शिवप्रिया पंडित, माँ शक्ति का एक अनन्य भक्त और विंध्येश्वरी देवी, शैलपुत्री माता और चिंतापूर्णी माता की कृपा से प्रेरित एक आध्यात्मिक साधक हूँ। मेरा उद्देश्य माँ के भक्तों को उनके दिव्य स्वरूप, उपासना विधि और कृपा के महत्व से अवगत कराना है, ताकि वे अपनी श्रद्धा और भक्ति को और अधिक दृढ़ बना सकें। मेरे लेखों में इन देवी शक्तियों के स्तोत्र, चालीसा, आरती, मंत्र, कथा और पूजन विधियाँ शामिल होती हैं, ताकि हर भक्त माँ की आराधना सही विधि से कर सके और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भर सके। जय माता दी! View Profile 🙏🔱