मैं ऐसा क्या कर जाऊँ

Main Esa Kya Kar Jaaun

मैं ऐसा क्या कर जाऊँ, चुनड़ी सिर पे लहराये,
तेरी चुनड़ी से लिपटकर,माँ ममता मुझे मिल जाये,
केडसती माँ तु सुन ले पुकार, मुझ पर तु ये कर उपकार………..

जब जब दुनिया में आऊँ, मैं तेरी सेवा पाऊँ,
तेरे आँचल से लिपटकर, प्यार तेरा मैं पाऊँ,
तेरे पावन चरणों में, माँ खुद को बिछा देंगे हम,
भावों के फूलों से माँ, तेरा गजरा सजा देंगे हम,
केडसती माँ तु सुन ले पुकार, मुझ पर तु ये कर उपकार………..

तेरे दर पर दादी, पूरे होते हैं सपने,
मेरी अंखियों ने भी माँ, देखें कुछ है सपने,
तेरी गोदी में खेलूँ, तेरे प्यार का झूला झूलूँ,
तेरे आंगन में में चैहकूँ, तेरी बगिया में मैं मैंहकूँ,
केडसती माँ तु सुन ले पुकार, मुझ पर तु ये कर उपकार………..

देख तेरा ये रूप दादी, जीव मेरो भरमायो है,
तुझसे मिलने के खातिर, हिवड़ो भर भर आयो है,
माँ “मधु” को गले लगा ले, तेरे आँचल में छुपा ले,

मुझे कालजे लगा ले, तेरे नैनों में बसा ले,
केडसती माँ तु सुन ले पुकार, मुझ पर तु ये कर उपकार………..

मैं ऐसा क्या कर जाऊँ, चुनड़ी सिर पे लहराये,
तेरी चुनड़ी से लिपटकर,माँ ममता मुझे मिल जाये,
केडसती माँ तु सुन ले पुकार, मुझ पर तु ये कर उपकार…………..

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