Thari Chunad Dadi Ji Lehar Lehar Lehraai Rahi
थारी चुनड दादी जी लेहर लेहर लहराई रही,
भादी मावस जद बी आवे मन म्हारा हर्शावे
थारी चुनड की छाया माँ सभी सुहागन चाहवे
सब मिल कर दादी जी थारिया चुनडी ओदाई रही
थारी चुनड दादी जी लेहर लेहर लहराई रही,
सबी सुहागन बागन मैया थाने खूब स्जावे,
कर सोला शिंगार थारे हाथा मेहँदी रचावे,
सब मिल कर ज्योत लवे दादी जी मंगल गाये रही
थारी चुनड दादी जी लेहर लेहर लहराई रही,
थारी आंचल की छाया माँ माहरे सिर पर वारो
कहे गोपाल के टाबरियां पर प्यार लुटा दो थारो
थारी किरपा दादी जी या म्हाने तो नचाये रही
थारी चुनड दादी जी लेहर लेहर लहराई रही,
मैं शिवप्रिया पंडित, माँ शक्ति का एक अनन्य भक्त और विंध्येश्वरी देवी, शैलपुत्री माता और चिंतापूर्णी माता की कृपा से प्रेरित एक आध्यात्मिक साधक हूँ। मेरा उद्देश्य माँ के भक्तों को उनके दिव्य स्वरूप, उपासना विधि और कृपा के महत्व से अवगत कराना है, ताकि वे अपनी श्रद्धा और भक्ति को और अधिक दृढ़ बना सकें। मेरे लेखों में इन देवी शक्तियों के स्तोत्र, चालीसा, आरती, मंत्र, कथा और पूजन विधियाँ शामिल होती हैं, ताकि हर भक्त माँ की आराधना सही विधि से कर सके और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भर सके। जय माता दी! View Profile 🙏🔱