Laal Jawa Ke Phula Su Aaj Banayo Haar
इमें भाव भरा है दादी थे करलो माँ सवीकार
लाल जवा के फुला सु आज बनायो हार
धनी प्रेम सु दादी यु मैं गजरा थारा लाया हां
शरदा के धागे में मैया थारो हारो गुदायो हां
ये पेहर दिखाओ दादी माँ करो घनो उपकार
लाल जवा के फुला सु आज बनायो हार
लाल रंग ही दादी थाणे बहुत गनेरो भावे है
टिकी रोली चुनरी मेहँदी गजरो लाल सुहावे है
थारो मान राख लेयो दादी थारा लाल करे मनोहार
लाल जवा के फुला सु आज बनायो हार
गजरो पेहना पाछे दादी ताहने खूब रिजावा गा
थाल सजा कर थारी आरती थारे नजर उतारा गा
थारे हर्ष ने देदो दादी ये ममता का उपकार
लाल जवा के फुला सु आज बनायो हार
मैं शिवप्रिया पंडित, माँ शक्ति का एक अनन्य भक्त और विंध्येश्वरी देवी, शैलपुत्री माता और चिंतापूर्णी माता की कृपा से प्रेरित एक आध्यात्मिक साधक हूँ। मेरा उद्देश्य माँ के भक्तों को उनके दिव्य स्वरूप, उपासना विधि और कृपा के महत्व से अवगत कराना है, ताकि वे अपनी श्रद्धा और भक्ति को और अधिक दृढ़ बना सकें। मेरे लेखों में इन देवी शक्तियों के स्तोत्र, चालीसा, आरती, मंत्र, कथा और पूजन विधियाँ शामिल होती हैं, ताकि हर भक्त माँ की आराधना सही विधि से कर सके और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भर सके। जय माता दी! View Profile 🙏🔱