Tere Dar Ko Mai Chhod Kahan Jau Maa Duja Koi Dwar Na Dikhe Lyrics
तेरे दर को मै छोड़ कहाँ जाऊँ,
माँ दूजा कोई द्वार ना दिखे।।
दोहा – चाहे छुट जाये ज़माना,
या माल-ओ-जर छूटे,
ये महल और अटारी,
या मेरा घर छूटे,
पर कहता है ये लख्खा,
ऐ मेरी माता,
सब जगत छूटे,
पर तेरा ना द्वार छूटे।
तेरे दर को मै छोड़ कहाँ जाऊँ,
माँ दूजा कोई द्वार ना दिखे,
अपना दुखडा मै किसको सुनाऊँ,
माँ दूजा कोई द्वार ना दिखे।।
इक आस मुझे तुमसे है मैया,
टूटे कहीं ना विश्वास मेरा मैया,
तेरे सिवा कहाँ झोली फ़ेलाऊ,
माँ दूजा कोई द्वार ना दिखे।।
तेरे आगे मेने दामन पसारा है,
मुझको ए मैया तेरा ही सहारा है,
कहाँ जाऊँ जहाँ जाके कुछ पाऊ,
माँ दूजा कोई द्वार ना दिखे।।
‘लख्खा’ आया मैया बन के सवाली है,
तेरे दर से गया ना कोई खाली है,
केसे गीत मै निराश होके गाऊँ,
माँ दूजा कोई द्वार ना दिखे।।
तेरे दर को मै छोड़ कहाँ जाऊ,
माँ दूजा कोई द्वार ना दिखे,
अपना दुखडा मै किसको सुनाऊँ,
माँ दूजा कोई द्वार ना दिखे।।
मैं मां दुर्गा की आराधना व पूजा-पाठ में गहरी आस्था रखती हूं। प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करती हूं और मां दुर्गा से जुड़े शक्तिशाली मंत्र, दिव्य आरती, चालीसा एवं अन्य पवित्र धार्मिक सामग्री भक्तों के साथ साझा करती हूं। मेरा उद्देश्य श्रद्धालुओं को सही पूजा विधि सिखाना और उन्हें आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित कर कृपा प्राप्त करने में सहायक बनना है। View Profile 🚩🙏