गायत्री आवाहन मंत्र एक ऐसा दिव्य स्तोत्र है जिसके माध्यम से भक्त माँ गायत्री का आवाहन करता है, जिससे साधना स्थल पवित्र और ऊर्जा से भर जाता है। लोग इस मंत्र को इसलिए खोजते हैं ताकि वे अपने पूजन क्रम की शुरुआत में सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित कर सकें। हमने यहां आपके लिए इस अद्भुत Gayatri Avahan Mantra को उपलब्ध कराया है-
Gayatri Avahan Mantra
ॐ आयातु वरदा देवी । अक्षरं ब्रह्म सम्मितम् ।
गायत्रीं छन्दसां माता । इदं ब्रह्म जुषस्व नः ।
ॐ ओजोऽसि । ॐ सहोऽसि । ॐ बलमसि । ॐ भ्राजोऽसि ।
ॐ देवानां धाम नामासि । ॐ विश्वमसि । ॐ विश्वायु: ।
ॐ सर्वमसि । ॐ सर्वायु: । अभिभूरसि ।
ॐ गायत्रीं आवाहयामि । ॐ सावित्रीं आवाहयामि ।

Gayatri Avahan Mantra साधना की पहली सीढ़ी है, जो मन को एकाग्र कर साधक को पूर्ण श्रद्धा के पथ पर अग्रसर करती है। यदि आप अन्य गायत्री मंत्रों जैसे Durga Gayatri Mantra, savitri Gayatri Mantra, या maa kali Gayatri Mantra प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारे वेबसाइट पर सभी उपलब्ध हैं। इस मंत्र का विधिवत जाप साधना की सफलता सुनिश्चित करता है और वातावरण में दिव्यता का संचार करता है।
मंत्र का जप कैसे करें ?
इसका जप तभी फलदायी होता है जब उसे सही विधि से किया जाए। हमने आपके लिए नीचे इसकी संपूर्ण और सरल जप विधि बताई है, जो आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने में सहायक होगी-
- स्नान व शुद्ध वस्त्र: मंत्र जाप के पहले शारीरिक व मानसिक शुद्धि अनिवार्य है। स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें जिससे तन-मन पवित्र हो।
- शुद्ध स्थान: साधना हेतु ऐसा स्थान चुनें जहाँ कोई शोर या विघ्न न हो। स्थान की शुद्धि हेतु गंगाजल का छिड़काव करें।
- सामग्री: आसन बिछाकर दीपक, पुष्प, अगरबत्ती व जल कलश तैयार करें। माँ गायत्री की तस्वीर या फोटो के सामने बैठें।
- संकल्प लें: हाथ में जल लेकर माँ गायत्री के आवाहन हेतु संकल्प करें कि आप साधना पूरी निष्ठा व श्रद्धा से करेंगे।
- मंत्र जाप: गायत्री आवाहन मंत्र का शुद्ध उच्चारण करते हुए कम से कम 11 या 21 बार जाप करें। जाप करते समय मन को एकाग्र व शांत रखें।
- पाठ करें: मंत्र जाप पूर्ण होने के बाद मुख्य “Gayatri Mantra” का एक बार उच्चारण करें ताकि साधना पूर्णता को प्राप्त हो।
- पूजन समापन: साधना पूर्ण कर माँ को नैवेद्य अर्पित करें फिर जल कलश से थोड़ा जल चारों ओर छिड़कें जिससे स्थान शुद्ध हो।
जब जप सटीक विधि से किया जाए, तो मंत्र की ऊर्जा सीधे साधक के जीवन में उतरती है। इनको अपनाकर आप अपने ध्यान, मानसिक शांति और आंतरिक जागृति में अद्भुत वृद्धि अनुभव करेंगे।
FAQ
इस मंत्र के जाप के लिए कौन सा समय श्रेष्ठ है?
प्रातःकाल ब्रह्ममुहूर्त या संध्याकाल श्रेष्ठ माना गया है।
क्या इस मंत्र का जाप घर में किया जा सकता है?
हाँ, घर के पूजा स्थान में शांति व स्वच्छता के साथ इसका जाप कर सकते हैं।
क्या इस मंत्र के बिना भी पूजा सम्भव है?
संभव है, परंतु इसके जाप से पूजा अधिक प्रभावकारी होती है।
इसका जाप कितनी बार करना चाहिए?
कम से कम 11 बार या अपनी श्रद्धा अनुसार 108 बार जाप करें।

मैं श्रुति शास्त्री , एक समर्पित पुजारिन और लेखिका हूँ, मैं अपने हिन्दू देवी पर आध्यात्मिकता पर लेखन भी करती हूँ। हमारे द्वारा लिखें गए आर्टिकल भक्तों के लिए अत्यंत उपयोगी होते हैं, क्योंकि मैं देवी महिमा, पूजन विधि, स्तोत्र, मंत्र और भक्ति से जुड़ी कठिन जानकारी सरल भाषा में प्रदान करती हूँ। मेरी उद्देश्य भक्तों को देवी शक्ति के प्रति जागरूक करना और उन्हें आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत करना है।View Profile