एक भोली भाली कन्या पर्वत से भक्तो आई भजन लिरिक्स

Ek Bholi Bhali Kanya Parvat Se Bhakto Aai Bhajan Lyrics

एक भोली भाली कन्या,
पर्वत से भक्तो आई,
सिर पे उसके लाल चुनरिया,
नैंनन जोत समाई,
हाथो में है लाल चूड़ा,
पाओं मे पायल भाई,
सिर पे उसके लाल चुनरिया,
नैंनन जोत समाई।।

कोई कहे वो वैष्णो माता,
झोलियाँ भर ने वाली,
कोई कहे माँ चिंतपूर्णी,
चिंता हरने वाली,
चरनो मे कोई गिर के बोले,
वो हे ज्वाला माई,
एक भोली भालि कन्या,
पर्वत से भक्तो आई,
सिर पे उसके लाल चुनरिया,
नैंनन जोत समाई।।

किसी को उसकी दिव्य छवि मे,
कांगड़ा वाली दिखे,
किसी को उसकी दिव्य छवि मे,
कांगड़ा वाली दिखे,
किसी ने उसके किए दर्शन
मन्सा देवी दिखे,
कोई कहे ये नैना देवी,
इसने लीला रचाई,
एक भोली भालि कन्या,
पर्वत से भक्तो आई,
सिर पे उसके लाल चुनरिया,
नैंनन जोत समाई।।

किसी को वो है लगती चामुंडा,
चण्ड मुण्ड मारने वाली,
किसी को वो है लगती चामुंडा,
चण्ड मुण्ड मारने वाली,
कोई कहे वो बगुला मुखी है,
काज सवारने वाली,
किसी ने कालिका माँ की,
झलक है उसमे पाई,
एक भोली भाली कन्या,
पर्वत से भक्तो आई,
सिर पे उसके लाल चुनरिया,
नैंनन जोत समाई।।

एक भोली भाली कन्या,
पर्वत से भक्तो आई,
सिर पे उसके लाल चुनरिया,
नैंनन जोत समाई,
हाथो में है लाल चूड़ा,
पाओं मे पायल भाई,
सिर पे उसके लाल चुनरिया,
नैंनन जोत समाई।।

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