Maa Tere Bhakto Sa Premi Aur Nahi Naimi Hu Mai
माँ तेरे भक्तो सा प्रेमी,
और नही नैमी हूँ मै,
कुछ नही है पास मेरे,
क्या करू अर्पण तुम्हे,
माँ तेरे भक्तो सा प्रेमी।।
यही एक आरज़ू,
तेरी सेवा नित मिले,
बेटा कहलाऊँ तेरा,
मुझको हक इतना मिले,
मन मे यह उम्मीदे लेकर,
आ पड़ा दर पर हूँ मै,
माँ तेरे भक्तो सा प्रेमी।।
कुछ न माँगू मै कभी,
तूमसे ऐ माता मेरी,
ऐसे ही बरसे सदा,
मूझपे कृपा माँ तेरी,
फिर भले इस जग से,
मुझको कुछ मिले या ना मिले,
माँ तेरे भक्तो सा प्रेमी।।
जिस पे तेरी हो कृपा,
उसको फिर क्या चाहिए,
मेरे घर पर भी कभी,
माता रानी आइये,
क्या कहूँ तुमसे ऐ मैया,
दास छोटा सा हूँ मै,
माँ तेरे भक्तो सा प्रेमी।।
माँ तेरे भक्तो सा प्रेमी,
और नही नैमी हूँ मै,
कुछ नही है पास मेरे,
क्या करू अर्पण तुम्हे,
माँ तेरे भक्तो सा प्रेमी।।

मैं मां दुर्गा की आराधना व पूजा-पाठ में गहरी आस्था रखती हूं। प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करती हूं और मां दुर्गा से जुड़े शक्तिशाली मंत्र, दिव्य आरती, चालीसा एवं अन्य पवित्र धार्मिक सामग्री भक्तों के साथ साझा करती हूं। मेरा उद्देश्य श्रद्धालुओं को सही पूजा विधि सिखाना और उन्हें आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित कर कृपा प्राप्त करने में सहायक बनना है। View Profile