सीता गायत्री मंत्र माता सीता को समर्पित एक अत्यंत शक्तिशाली और पवित्र स्तोत्र है, जो नारीत्व, समर्पण, संयम और त्याग की दिव्य प्रतीक हैं। इस मंत्र का जाप करने से जीवन में धैर्य, सौम्यता और मानसिक शांति आती है। यह साधना विशेष रूप से गृहस्थ जीवन, पारिवारिक सुख और जीवन के संघर्षों में संतुलन पाने के लिए उपयोगी मानी जाती है। यह मंत्र इस प्रकार से है-
Sita Gayatri Mantra
ॐ जनकजायै विद्मिहे रामप्रियायै धीमहि,
तन्नो: सीता प्रचोदयात॥
अर्थ- हम जनकनंदिनी माँ सीता को जानें, जो रामजी की परम प्रिय हैं, हम उनका ध्यान करें, जो त्याग, धैर्य और करुणा की मूर्ति हैं। वही माँ सीता हमारी बुद्धि को शुद्ध करें, हमें प्रेम, सहनशीलता और धर्म के पथ पर चलने की प्रेरणा दें।
सीता गायत्री मंत्र एक ऐसा आध्यात्मिक स्रोत है, जो जीवन के हर रिश्ते में मिठास, त्याग और शांति लाता है। इस साधना को और गहराई देने के लिए आप Radha Gayatri Mantra का जाप करें, जो प्रेम, भक्ति और राधा-कृष्ण की माधुर्य लीलाओं का अनुभव कराता है। साथ ही Lakshmi Gayatri Mantra in Hindi के माध्यम से अपने जीवन में धन, सौंदर्य और समृद्धि को आकर्षित करें।
मंत्र जाप करने की प्रभावशाली विधि
यदि आप जीवन में शांति, मर्यादा, सहनशीलता और परिवारिक सौहार्द चाहते हैं, तो अभी नीचे दी गई विधि के अनुसार श्रद्धा से Sita Gayatri Mantra का जाप करें-
- शुभ समय: इस मंत्र का जाप शुक्ल पक्ष के सोमवार या शुक्रवार को ब्रह्म मुहूर्त में करना सर्वाधिक शुभ माना जाता है।
- शुद्धता: स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और अपने पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें। यह जाप के प्रभाव के लिए आवश्यक है।
- पूजा सामग्री: पूजा के लिए सफेद पुष्प, अक्षत (चावल), देसी घी का दीपक, कपूर, चंदन, और तुलसी के पत्ते रखें। साथ ही, माता को श्रद्धापूर्वक फल, नारियल, और थोड़े से चावल अर्पण करें।
- मुद्रा: पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके किसी स्वच्छ आसन (पर बैठें। आँखें बंद करें, हाथ जोड़ें, और अपने मन को पूरी तरह एकाग्र करें — जैसे माँ सीता आपके सम्मुख उपस्थित हों।
- मंत्र जाप: अब “ॐ जनकजायै विद्महे, रामप्रियायै धीमहि, तन्नो सीता प्रचोदयात्।” इस मंत्र का जाप करें। हर बार मंत्र जपते समय, माता सीता के करुणामयी, शांत और तेजस्वी रूप का ध्यान करें।
- समर्पण और ध्यान: जाप पूर्ण होने पर माता सीता से हृदय से प्रार्थना करें और अपने सुखद जीवन के लिए आशीर्वाद मांगे।
यह जाप विधि न केवल आध्यात्मिक फल देती है, बल्कि जीवन में शांति, संतुलन और पारिवारिक प्रेम को भी मजबूत करती है। श्रद्धा से किया गया हर जाप, माँ सीता की कृपा को और निकट ले आता है।
FAQ
यह मंत्र किस उद्देश्य से जपा जाता है?
यह मंत्र मानसिक शांति, पारिवारिक सुख, संयम और स्त्री ऊर्जा के जागरण के लिए जपा जाता है।
क्या यह मंत्र सभी लोग जप सकते हैं?
हाँ, यह मंत्र स्त्री और पुरुष दोनों के लिए लाभकारी है और कोई भी श्रद्धा से जप सकता है।
क्या इसे रात्रि में जप सकते हैं?
यदि मन शांत और वातावरण शुद्ध हो तो रात्रि में भी जप किया जा सकता है, विशेषतः दीपावली या व्रत की रातों में।
क्या इसे केवल विवाहिता महिलाएं ही जप सकती हैं?
नहीं, कोई भी स्त्री — चाहे अविवाहित हो या विवाहित — इस मंत्र का जाप कर सकती है।
क्या यह मंत्र गृहस्थ जीवन के लिए उपयोगी है?
हाँ, यह मंत्र पति-पत्नी के रिश्ते में संतुलन और प्रेम बनाए रखने में अत्यंत सहायक है।
मैं श्रुति शास्त्री , एक समर्पित पुजारिन और लेखिका हूँ, मैं अपने हिन्दू देवी पर आध्यात्मिकता पर लेखन भी करती हूँ। हमारे द्वारा लिखें गए आर्टिकल भक्तों के लिए अत्यंत उपयोगी होते हैं, क्योंकि मैं देवी महिमा, पूजन विधि, स्तोत्र, मंत्र और भक्ति से जुड़ी कठिन जानकारी सरल भाषा में प्रदान करती हूँ। मेरी उद्देश्य भक्तों को देवी शक्ति के प्रति जागरूक करना और उन्हें आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत करना है।View Profile