सावित्री गायत्री मंत्र या गायत्री मंत्र ब्रह्माण्ड की रचना, ज्ञान और सत्य की देवी देवी सावित्री को समर्पित है। सावित्री देवी को गायत्री माता का ही रूप माना जाता है और यह मंत्र साधक को बुद्धि, तप और आत्मिक तेज प्रदान करता है। इसलिए होने यहां आपके लिए Savitri Gayatri Mantra को उपलब्ध किया है-
Savitri Gayatri Mantra
ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि,
धियो यो न: प्रचोदयात्॥
अर्थ- हम उस परम तेजस्वी सविता देवता का ध्यान करते हैं, जो सम्पूर्ण ब्रह्मांड के तीनों लोकों – भूत, भुवः और स्वः – के आधार हैं। वह दिव्य प्रकाश हमारे मन, बुद्धि और आत्मा को आलोकित करे, हमें सत्य, ज्ञान और सद्बुद्धि के मार्ग पर अग्रसर करे।
यदि आप अपनी साधना को ऊर्जावान और स्थिर बनाना चाहते हैं, तो सावित्री गायत्री मंत्र आपके लिए मार्गदर्शक सिद्ध हो सकता है। साथ ही यदि आप अन्य शक्तिस्वरूपा देवियों के मंत्र जैसे Durga Gayatri Mantra, Lakshmi Gayatri Mantra in Hindi और Saraswati Gayatri Mantra की जाप में रुचि रखते हैं, तो इन आर्टिकल को जरूर पढ़े। इन मंत्रों के माध्यम से आपकी साधना पूर्णता की ओर बढ़ेगी।
सावित्री माता के मंत्र की जाप विधि
- पूजा की तैयारी: स्वच्छ स्नान करके पीले या सफेद वस्त्र धारण करें। घर के पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें और देवी सावित्री का इमेज या गायत्री माता का फोटो स्थापित करें।
- आसन और दिशा: जाप करने के लिए आप उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके पीठ सीधी कर और मन को शांत कर कुशासन या चटाई पर बैठें।
- पुष्प अर्पण: घी का दीपक जलाएं, सफेद पुष्प, अक्षत और चंदन अर्पित करें। गायत्री माता या देवी सावित्री के स्तुति मंत्रों से आरंभ करें।
- संकल्प: जाप से पहले संकल्प लेना बहुत फलदायी होता है क्योकि यह आपके लक्ष्य को उजागर करता है। इसलिए मन में संकल्प लें कि आप ज्ञान, स्थिरता, और सत्य के मार्ग पर चलने हेतु यह मंत्र जप कर रहे हैं।
- जाप प्रक्रिया: अब Savitri Gayatri Mantra का जाप 108 बार करें, यदि माला का प्रयोग करें तो रुद्राक्ष, तुलसी या स्फटिक की माला उत्तम मानी जाती है। हर बार जप करते समय देवी के तेजस्वी रूप को ध्यान में रखें।
- समर्पण: अंत में, हाथ जोड़कर देवी से प्रार्थना करें कि वे आपके जीवन में प्रकाश, विवेक और आत्मिक शक्ति का संचार करें। कुछ पल मौन रहकर मंत्र की ऊर्जा को अनुभव करें।
Gayatri Mantra And Savitri Mantra मन को स्थिर करता है, आत्मा को ऊँचा उठाता है और जीवन को दिव्यता से भर देता है। यह मंत्र हर श्वास में ईश्वर से मिलने की एक मौन प्रार्थना है।
FAQ
क्या सावित्री और गायत्री एक ही देवी हैं?
हां, देवी सावित्री को गायत्री का ही रूप माना जाता है जो ब्रह्मा जी की शक्ति स्वरूपा हैं।
क्या इस मंत्र का जाप अन्य भाषाओँ में भी किया जा सकता है ?
हां, आप अपनी सुविधा के लिए इस मंत्र का जप अन्य भाषाओँ जैसे- तमिल, तेलगु आदि में भी कर सकते है।
इसको कब जपना सबसे शुभ होता है?
प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त, सूर्य उदय से पहले का समय सबसे उत्तम माना गया है।
इसका जाप कितनी बार करना चाहिए?
प्रत्येक दिन कम से कम 11 या 108 बार जप करना शुभ माना जाता है। संख्या श्रद्धा अनुसार बढ़ाई जा सकती है।
मैं श्रुति शास्त्री , एक समर्पित पुजारिन और लेखिका हूँ, मैं अपने हिन्दू देवी पर आध्यात्मिकता पर लेखन भी करती हूँ। हमारे द्वारा लिखें गए आर्टिकल भक्तों के लिए अत्यंत उपयोगी होते हैं, क्योंकि मैं देवी महिमा, पूजन विधि, स्तोत्र, मंत्र और भक्ति से जुड़ी कठिन जानकारी सरल भाषा में प्रदान करती हूँ। मेरी उद्देश्य भक्तों को देवी शक्ति के प्रति जागरूक करना और उन्हें आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत करना है।View Profile