प्रत्यंगिरा देवी गायत्री मंत्र तांत्रिक ऊर्जा, आत्मरक्षा और शक्तिशाली नकारात्मकता से बचाव के लिए एक अचूक साधना है। देवी प्रत्यंगिरा को शिव और नारसिंह के उग्र रूप से उत्पन्न कहा जाता है। यह मंत्र न केवल साधक की सुरक्षा करता है, बल्कि उसे आंतरिक निर्भयता और ऊर्जा से भर देता है। हमने यहां आपके लिए Pratyangira Devi Gayatri Mantra को उपलब्ध कराया है –
Pratyangira Devi Gayatri Mantra
औं अपराजितायै विद्महे शत्रु निशूदिन्यै धीमहि,
तन्नो प्रत्यङ्गिरा प्रचोदयात्॥
अर्थ – मैं उस अद्वितीय, अजेय माँ प्रत्यंगिरा देवी का ध्यान करता हूँ, जो शत्रुओं का नाश करने वाली हैं। वही माँ मेरी बुद्धि को प्रकाशमान करें और मुझे शुभ मार्ग की ओर प्रेरित करें।

यदि आप देवी शक्ति की और अधिक उपासना करना चाहते हैं, तो Pratyangira Devi Gayatri Mantra के साथ – साथ आप Durga Gayatri Mantra से अद्भुत शक्ति प्राप्त कर सकते हैं, Lakshmi Gayatri Mantra in Hindi से सुख-समृद्धि का आह्वान कर सकते हैं और Saraswati Gayatri Mantra के माध्यम से ज्ञान व वाणी की सिद्धि पा सकते हैं। ये सभी मंत्र आपकी आध्यात्मिक यात्रा को सम्पूर्णता प्रदान करते हैं।
इसका जाप कैसे और कब करें ?
यदि आप शत्रु बाधा, नकारात्मक शक्तियों या मानसिक अस्थिरता से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो प्रत्यंगिरा देवी का मंत्र जाप अत्यंत प्रभावशाली होता है। नीचे हमने इसकी जाप विधि सरल रूप में बताया है-
- तिथि और समय: अमावस्या, कालरात्रि या संकट के समय यह मंत्र विशेष रूप से प्रभावी होता है। रात्रि के समय जाप करना श्रेष्ठ माना जाता है, लेकिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में भी किया जा सकता है।
- शुद्धि और वस्त्र: जाप से पहले स्नान करना बहुत आवश्यक है, इसलिए स्नान करके काले या नीले रंग के वस्त्र उपयोग में लाएं क्योंकि यह देवी के स्वरूप से जुड़ा होता है।
- पूजा स्थान: किसी एकांत और शांत जगह पर देवी प्रत्यंगिरा का मूर्ति या यंत्र स्थापित करें। दीपक, अगरबत्ती और नीले/काले पुष्प चढ़ाएं।
- संकल्प लें: जाप से पहले संकल्प लें – जैसे नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा, शत्रु बाधा से मुक्ति, या आत्मबल वृद्धि।
- मंत्र जाप: अब प्रत्यंगिरा देवी गायत्री का जाप 108 बार करें, यदि माला का उपयोग कर रहे हों तो रुद्राक्ष या काली हकीक की माला उत्तम है। जाप करते समय मन में देवी का उग्र और रक्षक स्वरूप ध्यान में रखें।
- समर्पण और मौन: जाप पूर्ण होने के बाद देवी को प्रणाम करें और कुछ क्षण मौन धारण करें। अनुभव करें कि उनके आशीर्वाद से आपके चारों ओर एक अदृश्य सुरक्षा कवच बन चुका है।
Sri Pratyangira Devi Gayatri Mantra से भय, नकारात्मकता और रुकावटें दूर होती हैं, यह साधना शक्ति, रक्षा और आत्मिक स्थिरता प्रदान करती है।
FAQ
इस मंत्र का जाप कब करना चाहिए?
अमावस्या, संकट काल, या मानसिक तनाव के समय यह मंत्र विशेष फलदायी होता है। लेकिन नियमित रूप से प्रातः काल भी जप सकते हैं।
प्रत्यंगिरा देवी कौन हैं?
प्रत्यंगिरा देवी एक उग्र रूप हैं जो तांत्रिक शक्ति और रक्षात्मक ऊर्जा की प्रतीक हैं। इनका प्रादुर्भाव शिव और नारसिंह के उग्र स्वरूप से माना जाता है।
क्या इस मंत्र को कोई भी जप सकता है?
हाँ, श्रद्धा और शुद्ध मन से कोई भी व्यक्ति इस मंत्र का जाप कर सकता है। तांत्रिक विधि की आवश्यकता नहीं होती।
क्या महिलाएं भी इस मंत्र का जाप कर सकती हैं?
बिलकुल, यह मंत्र महिलाओं के लिए भी उतना ही प्रभावशाली है।

मैं श्रुति शास्त्री , एक समर्पित पुजारिन और लेखिका हूँ, मैं अपने हिन्दू देवी पर आध्यात्मिकता पर लेखन भी करती हूँ। हमारे द्वारा लिखें गए आर्टिकल भक्तों के लिए अत्यंत उपयोगी होते हैं, क्योंकि मैं देवी महिमा, पूजन विधि, स्तोत्र, मंत्र और भक्ति से जुड़ी कठिन जानकारी सरल भाषा में प्रदान करती हूँ। मेरी उद्देश्य भक्तों को देवी शक्ति के प्रति जागरूक करना और उन्हें आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत करना है।View Profile