मानस गायत्री मंत्र: मन को शुद्ध करने वाला अद्भुत वैदिक मंत्र

मानस गायत्री मंत्र एक दुर्लभ एवं अत्यंत प्रभावशाली वैदिक स्तुति है, जो विशेष रूप से मानसिक शुद्धि, एकाग्रता और आध्यात्मिक जागृति के लिए जपा जाता है। यह मंत्र न केवल हमारे चित्त को शांति प्रदान करता है, बल्कि नकारात्मक विचारों से भी मुक्ति दिलाता है। Manas Gayatri Mantra लिरिक्स कुछ इस प्रकार से है-

Manas Gayatri Mantra

जनकसुता जग जननि जानकी, अतिसय प्रिय करुना निधान की
ताके जुग पद कमल मनावउँ, जासु कृपाँ निरमल मति पावउँ॥

अर्थ- हे जगत जननी माता जानकी अर्थात माता सीता, आप श्रीराम की करुणामयी प्रिया हैं, आपके चरणों की वंदना करके मैं यह प्रार्थना करता हूँ कि, आपकी कृपा से मेरा मन शुद्ध और बुद्धि निर्मल हो जाए।

Manas Gayatri Mantraजनकसुता जग जननि जानकी, अतिसय प्रिय करुना निधान की
ताके जुग पद कमल मनावउँ, जासु कृपाँ निरमल मति पावउँ॥

Manas Gayatri Mantra न केवल मानसिक शुद्धता और एकाग्रता के लिए अत्यंत प्रभावशाली है, बल्कि यह हमें आंतरिक शांति और स्थिरता की ओर भी ले जाता है। यदि आप विभिन्न देवी-देवताओं के गायत्री मंत्रों को गहराई से समझना चाहते हैं, तो Brahma Gayatri Mantra Lyrics से ब्रह्मा जी की सृजनात्मक ऊर्जा को जानें, Ganga Gayatri Mantra के माध्यम से पवित्रता और आत्मशुद्धि का अनुभव करें, और Rama Gayatri Mantra के जाप से मर्यादा और धर्म के पथ पर आगे बढ़ें।

मानस गायत्री मंत्र जाप विधि

इस मंत्र का जाप शांत वातावरण में और पूर्ण श्रद्धा के साथ करना चाहिए। नीचे दी गई विधि निम्नलिखित चरणों में वर्णित है:

  1. शुद्धता और स्नान: प्रातः काल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पाठ के लिए यदि संभव हो तो शांत एवं एकांत स्थान चुनें।
  2. आसन: अब कुशासन या कंबल पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें। आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी होनी चाहिए और आराम के स्थिति होनी चाहिए।
  3. दीपक जलाएं: इसके बाद मूर्ति के सामने दीपक और अगरबत्ती जलाकर मानसिक रूप से वातावरण को पवित्र करें। यदि मूर्ति नहीं है तो मानसिक रूप से भी ध्यान किया जा सकता है-
  4. ध्यान और प्रार्थना: माँ सरस्वती या अपने इष्टदेव का ध्यान करें और तीन बार गहरी साँस लेकर मन को स्थिर करें, ताकि पाठ के समय आपका मन इधर उधर न भटके।
  5. मंत्र का जाप: इस मंत्र को कम से कम 11, 21 या 108 बार जपें। माला का प्रयोग करें तो रुद्राक्ष या तुलसी की माला उत्तम मानी जाती है।
  6. ध्यान की अवस्था: मंत्र जाप के बाद कुछ मिनट आँखें बंद कर मंत्र की ऊर्जा को अनुभव करें। यह मन और आत्मा के बीच की एकता को बढ़ाता है।
  7. समर्पण भाव: अंत में अपने दोनों हाथ जोड़कर ईश्वर को धन्यवाद दें और सभी विचारों को शांति से स्वीकार करें।

Gayatri Mantra Manas Japa पवित्रता, शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है। श्रद्धा से किया गया यह जाप जीवन को भीतर और बाहर से निर्मल बना देता है।

FAQ

क्या यह मंत्र विद्यार्थियों के लिए फायदेमंद है?

हां, यह एकाग्रता और स्मरण शक्ति को बढ़ाता है, विशेष रूप से छात्रों के लिए लाभकारी है।

क्या इसे किसी विशेष समय पर जपना चाहिए?

क्या इसको सुनना भी लाभकारी होता है?

कितनी बार इस मंत्र का जाप करना चाहिए?

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