जिसने भी माँ की चौखट पे सर को झुका लिया लिरिक्स

जिसने भी माँ की चौखट पे सर को झुका लिया भजन में एक भक्त की आत्मनिर्भरता और श्रद्धा का वर्णन किया गया है। इसमें बताया गया है कि जो भी व्यक्ति देवी माँ के दर पर सच्चे मन से नतमस्तक होकर अपनी सारी इच्छाओं और दुखों को माँ के चरणों में अर्पित करता है, वह अवश्य ही माँ की कृपा का पात्र बनता है। यह भजन न केवल माँ की महिमा का गुणगान करता है, बल्कि यह भी बताता है कि माँ के दर पर श्रद्धा से झुका सिर कभी भी खाली नहीं जाता, बल्कि वहां से हमें सुख, शांति, और आशीर्वाद प्राप्त होता है।

Jisane Bhi Maa Ki Chaukhat Pe Sar Ko Jhuka Liya Lyrics

जिसने भी माँ की चौखट पे,
सर को झुका लिया,
करके दया भवानी ने,
बाहों में उठा लिया,
करके दया भवानी ने,
बाहों में उठा लिया।।

कैला करोली वाली माँ,
ममता की खान है,
ममता की खान है,
मैया के दर पे झुक रहा,
सारा जहान है,
सारा जहान है,
जिसने भी झोली फैलाई,
उसने ही पा लिया,
करके दया भवानी ने,
बाहों में उठा लिया।।

नौ निद्ध अष्ट सिद्ध की,
दाता दयाली है,
दाता दयाली है,
ये ही है दुर्गा चामुंडा,
ये ही काली है,
ये ही काली है,
रोता गया जो द्वार पर,
उसको हँसा दिया,
करके दया भवानी ने,
बाहों में उठा लिया।।

कलयुग में कैला मैया का,
डंका है चारों ओर,
डंका है चारों ओर,
चरणों का बन जा ‘बावरा’,
होगी कृपा की कौर,
होगी कृपा की कौर,
‘चोखानी’ ने भी भजनो से,
माँ को रिझा लिया,
करके दया भवानी ने,
बाहों में उठा लिया।।

जिसने भी माँ की चौखट पे,
सर को झुका लिया,
करके दया भवानी ने,
बाहों में उठा लिया,
करके दया भवानी ने,
बाहों में उठा लिया।।

“जिसने भी माँ की चौखट पे सर को झुका लिया” भजन में यह संदेश दिया गया है कि माँ के दर पर विश्वास और श्रद्धा से हर दुख का निवारण संभव है। जैसे “जय माता दी”, “माँ के चरणों में भक्ति”, और “माँ की कृपा” जैसे भजन भी यह बताते हैं कि माँ के दर पर जाकर हम जीवन के सभी संकटों से मुक्ति पा सकते हैं। इस भजन के माध्यम से हम देवी माँ से आशीर्वाद प्राप्त करने के महत्व को समझते हैं और उनके चरणों में अपने दिल की बात रखने का एक सशक्त संदेश मिलता है।

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