माँ के आँचल की छाया तू और कहीं ना पाएगा लिरिक्स

“माँ के आँचल की छाया तू और कहीं ना पाएगा” एक दिल को छूने वाला भजन है, जिसमें भक्त माँ के अनमोल आशीर्वाद और संरक्षण को महसूस करता है। इस भजन में भक्त यह महसूस करता है कि माँ का आँचल ही वह स्थान है, जहाँ सच्चे सुख, शांति और सुरक्षा की प्राप्ति होती है। यह भजन हमें माँ के स्नेह, दया और सच्चे प्रेम की महिमा बताता है, जो हर किसी के जीवन में एक अनमोल धरोहर की तरह है। इस भजन के साथ हम भी माँ की छांव में खुद को सुरक्षित और आशीर्वादित महसूस करते हैं।

Maa Ke Aanchal Ki Chhaya Tu Aur Kahi Na Payega Lyrics

माँ के आँचल की छाया,
तू और कहीं ना पाएगा,
मईया का दर छोड़ के,
दुनिया से कहाँ जाएगा,
माँ के नाम को भुलने वाले,
हर पल तू पछताएगा।।

माँ नाम एक पल भी,
मन से जो भुलाएगा,
दर दर वो भटकेगा,
ठोकरे ही खाएगा,
भक्ति के सागर से,
एक बून्द भक्ति की,
मिल जाए तुझको जो,
भव से तर जाएगा,
प्यार कही मिलता नहीं,
माँ के दर जो मिलता है,
फूल उस चमन के जैसा,
और कहाँ खिलता है,
मईया के बिन,
जीवन अपना तू कहाँ बिताएगा,
माँ के नाम को भुलने वाले,
हर पल तू पछताएगा।।

मईया के दर की ये,
दुनिया तो दीवानी है,
क्यों माँ की ममता महिमा,
तूने ना जानी है,
क्यों तेरी आँखों का,
आज सूखा पानी है,
माँ का प्यार भुला क्यों,
करता नादानी है,
कष्ट अपने बच्चों का,
मईया ही मिटाती है,
बेटा जो भूले क्या,
माँ पे बीत जाती है,
ना कर ऐसा वर्ना,
तू भी पूत कपूत कहाएगा,
माँ के नाम को भुलाने वाले,
हर पल तू पछताएगा।।

माँ के आँचल की छाया,
तू और कहीं ना पाएगा,
मईया का दर छोड़ के,
दुनिया से कहाँ जाएगा,
माँ के नाम को भुलने वाले,
हर पल तू पछताएगा।।

“माँ के आँचल की छाया तू और कहीं ना पाएगा” भजन माँ के संरक्षण और उनकी पवित्रता को दर्शाता है। माँ का आँचल ही वह असली सुरक्षित स्थान है जहाँ कोई भी भक्त हर दर्द, दुख और संघर्ष से मुक्त हो सकता है। इस भजन के माध्यम से भक्त अपनी माँ के प्रति अपने प्रेम और श्रद्धा को व्यक्त करता है। जैसे ही हम माँ के आँचल में खुद को समर्पित करते हैं, हमें जीवन के सभी दुखों से मुक्ति मिलती है। अगर आपको यह भजन पसंद आया, तो आप “माँ के चरणों में सुख है”, “माँ की महिमा”, और “माँ का आशीर्वाद” जैसे अन्य भजनों का भी आनंद ले सकते हैं, जो माँ की असीम शक्ति और कृपा को दर्शाते हैं।

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