नजारा माँ के द्वार का देखूं मैं दरबार का एक भावपूर्ण भजन है, जो माँ के दरबार की दिव्यता और उनके आशीर्वाद के महात्म्य का वर्णन करता है। इस भजन में भक्त अपनी माँ के दरबार के नजारे को महसूस करते हुए, उनके आशीर्वाद की अनुभूति करना चाहते हैं। माँ के प्रति अडिग विश्वास और श्रद्धा से भरा यह भजन, भक्तों को माँ के प्रति अपनी भक्ति और विश्वास को और मजबूत करने की प्रेरणा देता है।
Najara Maa Ke Dwar Ka Dekhu Mai Darbar Ka Bhajan Lyrics
नजारा माँ के द्वार का,
देखूं मैं दरबार का,
माँ आना आना आना,
अम्बे दर्शन दिखाना,
सहारा तेरे नाम का,
भगत तेरे द्वार का।।
तोड़ के आया बंधन,
झूठे संसार के,
मांगू मैं प्यार तेरा,
झोली पसार के,
माँ मुझे दीदार दो,
ममता दुलार दो,
माँ आना आना आना,
अम्बे दर्शन दिखाना,
सहारा तेरे नाम का,
भगत तेरे द्वार का।।
सिंह पे बैठी अम्बे,
दुर्गा भवानी माँ,
बजता है जग में डंका,
वैष्णो महारानी का,
महिमा तो महान है,
निराली तेरी शान है,
माँ आना आना आना,
अम्बे दर्शन दिखाना,
सहारा तेरे नाम का,
भगत तेरे द्वार का।।
सुबह शाम आठों याम,
तेरा ही गीत है,
जग है बेगाना मैया,
सांची तेरी प्रीत है,
दया का दे दो दान माँ,
करो कल्याण माँ,
माँ आना आना आना,
अम्बे दर्शन दिखाना,
सहारा तेरे नाम का,
भगत तेरे द्वार का।।
नजारा माँ के द्वार का,
देखूं मैं दरबार का,
माँ आना आना आना,
अम्बे दर्शन दिखाना,
सहारा तेरे नाम का,
भगत तेरे द्वार का।।
“नजारा माँ के द्वार का देखूं मैं दरबार का” भजन माँ के दरबार की भव्यता और उनकी कृपा का जीवंत चित्रण करता है। माँ के दरबार में प्रवेश करने से भक्त को अपार शांति और सुख का अनुभव होता है। यदि आपको यह भजन पसंद आया हो, तो “माँ का आशीर्वाद”, “माँ की कृपा से जीवन रोशन”, और “माँ के चरणों में शरण” जैसे अन्य भजनों का आनंद भी लें। इन भजनों के माध्यम से हम माँ के दरबार में और अधिक श्रद्धा से अपना स्थान बना सकते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन को खुशहाल बना सकते हैं।