ओढ़ चुनरियाँ लाल बैठी हेै दादी सजधज के भजन लिरिक्स

“ओढ़ चुनरियाँ लाल बैठी हैं दादी सजधज के” एक भव्य और आत्मिक भजन है जो माँ दुर्गा के श्रद्धालुओं द्वारा गाया जाता है। इस भजन में माँ दुर्गा के भव्य रूप और उनकी भक्ति में पूर्ण रूप से समर्पित होने की भावना व्यक्त की जाती है। यहाँ दादी यानी माँ दुर्गा को लाल चुनरी ओढ़े हुए और सजधज कर बैठी हुई दर्शाया गया है, जो भक्तों को अपने आशीर्वाद से संजीवनी प्रदान करती हैं। इस भजन के माध्यम से हम माँ की महिमा का गुणगान करते हैं और उनके प्रति अपनी श्रद्धा और प्रेम को व्यक्त करते हैं।

Odh Chunariya Lal Baithi Hai Dadi Sajdhaj Ke Bhajan Lyrics

ओढ़ चुनरियाँ लाल,
बैठी हेै दादी सजधज के,
बैठी है दादी सजधज के,
बैठी है दादी सजधज के,
देखलो दादी को दरबार,
बैठी है दादी सजधज के।।

बिन्दिया को रंग लाल तिहारो,
आँख्या को काजल है कारो,
मुख पे है तेज अपार,
बैठी है दादी सजधज के।।

गालों पर है लट घुंघराली,
कानों में है झूमका बाली,
गल बिच फुलां रो हार,
बैठी है दादी सजधज के।।

हाथां की या मेहंदी प्यारी,
निरख रही माँ दुनियाँ सारी,
खूब सज्यो है श्रृंगार,
बैठी है दादी सजधज के।।

‘शिव सुबोध’ माँ दर पर आयो,
‘अमित’ तेरी महिमा गायो,
मोटी है सरकार,
बैठी है दादी सजधज के।।

ओढ़ चुनरियाँ लाल,
बैठी हेै दादी सजधज के,
बैठी है दादी सजधज के,
बैठी है दादी सजधज के,
देखलो दादी को दरबार,
बैठी है दादी सजधज के।।

“ओढ़ चुनरियाँ लाल बैठी हैं दादी सजधज के” भजन माँ दुर्गा की दिव्य उपस्थिति को और उनके भक्तों के प्रति उनके अपार प्रेम और आशीर्वाद को प्रकट करता है। यह भजन हमें यह सिखाता है कि माँ दुर्गा के चरणों में आने से जीवन की सारी कठिनाइयाँ और विघ्न दूर हो जाते हैं। इस भजन के साथ-साथ आप अन्य भजनों का भी आनंद ले सकते हैं, जैसे “जय दुर्गा माँ”, “माँ का आशीर्वाद”, और “माँ दुर्गा की स्तुति”। जय माता दी!

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