कोई भाव से मेरी मैया को मना ले भजन लिरिक्स

कोई भाव से मेरी मैया को मना ले यह भजन माँ दुर्गा के प्रति भक्त की गहरी श्रद्धा और समर्पण को दर्शाता है। इस भजन में हम माँ से अपने सभी दुखों और परेशानियों का निवारण करने की प्रार्थना करते हैं। यहाँ भक्त अपनी भावनाओं को माँ के समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं, ताकि वह अपने भक्तों की सुनें और उनकी मदद करें।

Koi Bhav Se Meri Maiya Ko Mana Le Bhajan Lyrics

कोई भाव से मेरी मैया को मना ले,
कोई भाव से माँ को चुनरी चढ़ा दे,
भाग्य जग जाएगा,
भाग्य जग जाएगा।।

गंगा जल से मेरी माँ को नहला दे,
रोली चन्दन मेरी माँ को लगा दे,
माँ को लगा दे,
फिर प्यार से अड़हुल का हार चढ़ा दे,
भाग्य जग जाएगा,
भाग्य जग जाएगा।।

कानो में अम्बे माँ के कुंडल पहना दे,
हाथों में जगदम्बे के मेहन्दी लगा दे,
माँ को सजा दे,
फिर प्यार से माँ को पायल पहना दे,
भाग्य जग जाएगा,
भाग्य जग जाएगा।।

हलवा पुड़ी चने का भोग लगा दे,
सातों बहिन संग भेरव भैया को चढ़ा दे,
भैया को चढ़ा दे,
‘राघवेन्द्र’ को ‘देवेन्द्र’ ये बता दे,
भाग्य जग जाएगा,
भाग्य जग जाएगा।।

कोई भाव से मेरी मैया को मना ले,
कोई भाव से माँ को चुनरी चढ़ा दे,
भाग्य जग जाएगा,
भाग्य जग जाएगा।।

“कोई भाव से मेरी मैया को मना ले” भजन में हमारी भावनाओं का अभिव्यक्ति किया गया है, जहाँ हम माँ दुर्गा से अपने कष्टों का निवारण करने की प्रार्थना करते हैं। यह भजन हमें यह सिखाता है कि जब तक हम माँ के चरणों में श्रद्धा और समर्पण नहीं दिखाएंगे, तब तक हमें उनके आशीर्वाद का लाभ नहीं मिलेगा। माँ के साथ हमारी यह भावनात्मक जुड़ाव हमें जीवन के हर कठिनाई से पार पाने की शक्ति देता है। अगर आपको यह भजन पसंद आया हो, तो आप माँ दुर्गा के अन्य भजनों का भी आनंद ले सकते हैं जैसे “जय माता Di”, “शेरावाली माँ भवानी”, और “माँ के आशीर्वाद से जीवन संवर जाता है”। जय माता दी!

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