हर बार तेरे दर पे नव गीत सुनाएंगे भजन लिरिक्स

माँ की भक्ति में डूबे भक्त हर बार उनके दरबार में कुछ नया अर्पित करने की इच्छा रखते हैं। हर बार तेरे दर पे नव गीत सुनाएंगे भजन इसी प्रेम, श्रद्धा और समर्पण को दर्शाता है। जब भी भक्त माँ के चरणों में आते हैं, वे नई उमंग, नई भक्ति और नए भजनों के साथ अपने भाव प्रकट करते हैं। यह भजन माँ की अनंत कृपा और भक्तों के प्रेम का सुंदर चित्रण करता है।

Har Bar Tere Dar Pe Nav Geet Sunayenge Bhajan Lyrics

नव गीत सुनाएंगे,
ढांढण वाली सुन ले,
तेरी महिमा गाएंगे,
हर बार तेरे दर पें,
नव गीत सुनाएंगे।।

तुझसे मिलने से हमें,
रोकोगी भला कैसे,
कदमों में लिपट जाए,
वृक्षों से लता जैसे,
सपनों में मिली माँ को,
हम सामने पाएंगे,
हर बार तेरे दर पें,
नव गीत सुनाएंगे।।

होगी तृष्णा पूरी,
प्यासी इन अखियन की,
माथे से लगा लेंगे,
धूलि तेरे चरणन की,
चरणामृत लेकर माँ,
हम भव तर जाएंगे,
हर बार तेरे दर पें,
नव गीत सुनाएंगे।।

सदियों से सदा हमने,
तेरी आस लगाई है,
पागल मनवा कहता,
माँ तुमको भुलाई है,
पाकर के तेरे दर्शन,
मन को समजाएंगे,
हर बार तेरे दर पें,
नव गीत सुनाएंगे।।

चुनकर वन उपवन से,
पुष्पों की मधुर लड़ियाँ,
एक हार बनाया है,
बीती है कई घड़ियाँ,
यह पुष्प भजन माला,
तुझे भेट चढ़ाएंगे,
हर बार तेरे दर पें,
नव गीत सुनाएंगे।।

हर बार तेरे दर पे,
नव गीत सुनाएंगे,
ढांढण वाली सुन ले,
तेरी महिमा गाएंगे,
हर बार तेरे दर पें,
नव गीत सुनाएंगे।।

“हर बार तेरे दर पे नव गीत सुनाएंगे” भजन हमें यह सिखाता है कि भक्ति का कोई अंत नहीं है—हर बार जब हम माँ के चरणों में आते हैं, तो एक नई अनुभूति होती है, एक नया गीत होता है। अगर आपको यह भजन पसंद आया, तो “माँ दिल के इतने करीब है तू” और “सजा दो दर को फूलों से माँ का नवरात आया है” जैसे अन्य भक्तिगीत भी जरूर सुनें।

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