शरण में पड़ा हूँ माँ मुझको बचा ले भजन लिरिक्स

शरण में पड़ा हूँ माँ, मुझको बचा ले इस भजन के शब्द माँ की असीम करुणा और उनकी शरण में जाने वाले भक्तों की भावनाओं को दर्शाते हैं। जब जीवन में संकट आता है, जब कोई रास्ता नहीं दिखता, तब भक्त अपनी माँ के चरणों में समर्पित हो जाता है। यह भजन हमें याद दिलाता है कि माँ दुर्गा हमेशा अपने भक्तों की रक्षा करती हैं और उन्हें संकटों से बाहर निकालती हैं।

Sharan Mien Pada Hoon Maa Mujhko Bacha Le Bhajan Lyrics

शरण में पड़ा हूँ माँ,
मुझको बचा ले,
आंचल में अपने,
मुझे तू छुपा ले,
आंचल में अपने,
मुझे तू छुपा ले।।

अकेला हूँ मैया,
बड़ा घबराऊं,
पराये जगत में माँ,
तुझे अपना पाऊं,
चरणों में तेरे मैया,
मुझको बिठा ले,
आंचल में अपने,
मुझे तू छुपा ले,
आंचल में अपने,
मुझे तू छुपा ले।।

बेटे का रोना माँ,
सहने ना पाती,
झट दौड़ आती वो,
गले से लगाती,
नादान हूँ मैं मुझको,
गोदी उठा ले,
आंचल में अपने,
मुझे तू छुपा ले,
आंचल में अपने,
मुझे तू छुपा ले।।

करुणा की देवी,
करुणा दिखा दे,
तेरे ‘हर्ष’ के मैया,
दुखड़े मिटा दे,
पागल समझ के मुझको,
माँ तू निभा ले,
आंचल में अपने,
मुझे तू छुपा ले,
आंचल में अपने,
मुझे तू छुपा ले।।

शरण में पड़ा हूँ माँ,
मुझको बचा ले,
आंचल में अपने,
मुझे तू छुपा ले,
आंचल में अपने,
मुझे तू छुपा ले।।

माँ की शरण में जाने वाला भक्त कभी निराश नहीं होता, क्योंकि माँ अपनी कृपा से उसके सारे कष्ट हर लेती हैं। ऐसे ही और भी भक्तिमय भजनों को पढ़ने के लिए “दरश को प्यासे हैं मैया मेरे नैन” और “जय अम्बे जगदम्बे माँ तेरे दम से है दुनिया” को भी जरूर पढ़ें। माँ की कृपा सभी पर बनी रहे!

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