आई गरबे की रुत ये सुहानी गरबा भजन लिरिक्स

Aai Garbe Ki Rut Ye Suhani Garba Bhajan Lyrics

आई गरबे की रुत ये सुहानी,
आओ मिल के गरबा करे,
गरबा करे माई गरबा करे,
गरबा करे माई गरबा करे,
मोरे आँगन में आओ महारानी,
आओ मिल के गरबा करे,
आईं गरबे की रुत ये सुहानी,
आओ मिल के गरबा करे।।

ढोल नगाड़े डंका बजे,
अंगना में माई के धूम मचे,
दे दो दर्शन माँ अम्बे रानी,
आओ मिल के गरबा करे,
आईं गरबे की रुत ये सुहानी,
आओ मिल के गरबा करे।।

अंगना में माई के राम चले,
सिता चले और लक्ष्मण चले,
हनुमान जी बजाये मिल के ताली,
आओ मिल के गरबा करे,
आईं गरबे की रुत ये सुहानी,
आओ मिल के गरबा करे।।

अंगना में माई के भोले चले,
भोले चले माँ गौरा चले,
नंदी बजाये मिल के ताली,
आओ मिल के गरबा करे,
आईं गरबे की रुत ये सुहानी,
आओ मिल के गरबा करे।।

अंगना में माई के कृष्ण चले,
कृष्ण चले और राधा चले,
बलदाऊ बजाये मिल के ताली,
आओ मिल के गरबा करे,
आईं गरबे की रुत ये सुहानी,
आओ मिल के गरबा करे।।

आई गरबे की रुत ये सुहानी,
आओ मिल के गरबा करे,
गरबा करे माई गरबा करे,
गरबा करे माई गरबा करे,
मोरे आँगन में आओ महारानी,
आओ मिल के गरबा करे,
आईं गरबे की रुत ये सुहानी,
आओ मिल के गरबा करे।।

नवरात्रि का गरबा केवल एक नृत्य नहीं, बल्कि माँ अम्बे की भक्ति का प्रतीक है। भक्त अपने नृत्य और भजनों से माँ को प्रसन्न करते हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं। अगर आप माँ के अन्य भक्तिमय भजनों को भी पढ़ना चाहते हैं, तो “जय अम्बे जगदम्बे माँ तेरे दम से है दुनिया” और “सज धज के बैठी है माँ लागे सेठानी” जैसे भजनों को भी ज़रूर पढ़ें। जय माता दी!

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