Karta Raksha Pal Pal Meri Chhaye Jab Dukh Ke Badal
करता रक्षा पल पल मेरी,
छाए जब दुख के बादल
श्याम कृपा से नैया मेरी,
श्याम कृपा से नैया मेरी,
चलती रहती है हर पल,
करता रक्षा पल-पल मेरीं,
छाए जब दुख के बादल।।
श्याम धणी की ही किरपा से,
घर मेरा भी पलता है,
मुझको जरूरत किसकी है जब,
बाबा साथ में चलता है,
देरी भले हो जाए लेकिन,
करता रहता है मंगल,
करता रक्षा पल-पल मेरीं,
छाए जब दुख के बादल।।
लोगों की क्या बात करूं मैं,
कोई सा साथ ना देता है,
दुनिया हंसी उड़ाती है जब,
वक्त साथ ना रहता है,
ऐसे में ये सेठ सांवरिया,
मेरी हर मुश्किल का हल,
करता रक्षा पल-पल मेरीं,
छाए जब दुख के बादल।।
वो प्रेमी भी धन्य है जिसने,
बाबा से मिलवाया है,
वो प्रेमी भी धन्य है
उसकी झोली भरना जिसने,
तेरा दर्श कराया है,
मन की भावना सच्ची हो तो,
मांगा मिलता है फल,
करता रक्षा पल-पल मेरीं,
छाए जब दुख के बादल।।
करता रक्षा पल पल मेरी,
छाए जब दुख के बादल,
श्याम कृपा से नैया मेरी,
श्याम कृपा से नैया मेरी,
चलती रहती है हर पल,
करता रक्षा पल-पल मेरीं,
छाए जब दुख के बादल।।