Kaise Main Shiv Ko Manau Ho Shiv Manat Nahi Bhajan Lyrics
कैसे मैं शिव को मनाऊ हो,
शिव मानत नाही,
कैसे भोले को मैं मनाऊ हो,
भोले मानत नाही।।
लाडू और पेड़ा वाके,
मनहु ना भावे,
भांग धतूरा कहाँ पाऊ हो,
शिव मानत नाही।।
हल्दी और कंकु वाके,
मनहु ना भावे,
मुर्दे की भस्मी कहा पाउ हो,
शिव मानत नाही।।
ताल तलैया वाके,
मनहु ना भावे,
गंगा की धार कहा पाऊ हो,
शिव मानत नाही।।
मोर मुकुट वाके,
मनहु ना भावे,
शीश पे चन्दा कहा पाऊ हो,
शिव मानत नाही।।
तलवार भाला वाके,
मनहु ना भावे,
घर में त्रिशूल कहा पाऊ हो,
शिव मानत नाही।।
महल अटारी वाके,
मनहु ना भावे,
टूटी झोपड़िया कहा पाऊ हो,
शिव मानत नाही।
ताल तलैया वाके,
मनहु ना भावे,
गंगा की धार कहा पाऊ हो,
शिव मानत नाही।।
कैसे मैं शिव को मनाऊ हो,
शिव मानत नाही,
कैसे भोले को मैं मनाऊ हो,
भोले मानत नाही।।

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile