हर नगर नगर और डगर डगर हम जहाँ भी द्रष्टि डाले शिव भजन

Har Nagar Nagar Aur Dagar Dagar Ham Jahan Bhi Drishti Dale Shiv Bhajan

हर नगर नगर और डगर डगर,
हम जहाँ भी द्रष्टि डाले,
मेरे बाबा के है शिवाले,
शिव शंकर के है शिवाले।।

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय।

गर भक्ति भाव से एक पत्थर भी,
कोई पूजता जाए,
हरी ॐ हरी ॐ, हरी ॐ हरी ॐ,
गर भक्ति भाव से एक पत्थर भी,
कोई पूजता जाए,
आकर के समाते उमसे बाबा,
वो शिव लिंग कहाए,
वो शिव लिंग कहाए,
ये तेरे ऊपर ही है भगत,
तू जहाँ भी इनको बसा ले,
मेरे बाबा के है शिवाले,
शिव शंकर के है शिवाले।।

है कहीं पे शिखर गगनचुम्बी कहीं,
छोटा सा है शिवाला,
हरी ॐ हरी ॐ, हरी ॐ हरी ॐ,
कहीं पेड़ तले बिन दीवारों के,
बैठा भोला भाला,
बैठा भोला भाला,
छोटा हो चाहे बड़ा हो मंदिर,
सब मे है डमरू वाले,
मेरे बाबा के है शिवाले,
शिव शंकर के है शिवाले।।

है कई शिवालय जंगल में,
जहाँ मानव जा ना पाए,
हरी ॐ हरी ॐ, हरी ॐ हरी ॐ,
है कई शिवालय जंगल में,
जहाँ मानव जा ना पाए,
बादल करते अभिषेक शिवम का,
पवन है झाड़ू लगाए,
पवन है झाड़ू लगाए,
और पेड़ फुल फल अर्पण करते,
कुदरत पूजे शिवाले,
मेरे बाबा के है शिवाले,
शिव शंकर के है शिवाले।।

कहे ‘पवन’ की शिव पूजा करने को,
शिवालय अगर ना पाओ,
हरी ॐ हरी ॐ, हरी ॐ हरी ॐ,
कहे ‘पवन’ की शिव पूजा करने को,
शिवालय अगर ना पाओ,
अपने इक हाथ की मुठ्ठी भीचकर,
अंगूठा जरा उठाओ,
अंगूठा जरा उठाओ,
और उसको शिवलिंग मान के पूजो,
अंग संग चले शिवाले,
मेरे बाबा के है शिवाले,
शिव शंकर के है शिवाले।।

हर नगर नगर और डगर डगर,
हम जहाँ भी द्रष्टि डाले,
मेरे बाबा के है शिवाले,
शिव शंकर के है शिवाले।।

हर नगर नगर और डगर डगर हम जहाँ भी द्रष्टि डाले भजन शिव जी की अनंत शक्ति और सर्वत्र व्याप्त दिव्यता का सुंदर चित्रण है। ऐसे भजनों को पढ़ना और करना हमें शिव जी के प्रति और अधिक श्रद्धालु बनाता है। आप “ओ भूतनाथ बाबा क्या खेल रचाया है”, “शिव नाम के सहारे पापी भी मुक्ति पाए”, “हम तो तेरे दरबार के दरबारी हो गए भोलेनाथ”, और “लिखने वाले लिख लिख हारे रविंद्र जैन” जैसे अन्य शिव भजनों को भी अवश्य पढ़ें और शिव भक्ति में लीन हो जाएं।

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