दूल्हा बनकर के शंकर चले जिस घड़ी भजन लिरिक्स

दूल्हा बनकर के शंकर चले जिस घड़ी भजन भगवान शिव के विवाह के समय की दिव्यता और खुशी को दर्शाता है। इस भजन में भगवान शिव के रूप को दूल्हे के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो शिव-पार्वती के विवाह की शुभ घड़ी का प्रतीक है। यह भजन भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और भक्ति को गहरा करने का एक सुंदर माध्यम है।

Dulha Bankar Ke Shankar Chale Jis Ghadi Bhajan Lyrics

दूल्हा बनकर के,
शंकर चले जिस घड़ी,
घर हिमाचल के,
आना गजब हो गया,
क्या अजब शान थी,
क्या गजब रूप था,
शिव का दूल्हा बनाना,
गजब हो गया,
दूल्हा बनकर के,
शंकर चले जिस घड़ी।।

धरती अम्बर हिला,
शिव का डमरू बजा,
देवता सब चले,
अपना वाहन सजा,
भुत प्रेतों के संग आए शुक्र शनि,
भुत प्रेतों के संग आए शुक्र शनि,
शिव का घोतक रचाना,
गजब हो गया,
दुल्हा बनकर के,
शंकर चले जिस घड़ी,
घर हिमाचल के,
आना गजब हो गया,
शंकर चले जिस घड़ी।।

ब्रम्हा विष्णु जी देखो,
बाराती बने,
शिव के ब्याह में,
हिमाचल की नगरी चले,
धीरे धीरे लगे साज बजने सभी,
धीरे धीरे लगे साज बजने सभी,
शिव का डमरू बजाना,
गजब हो गया,
दुल्हा बनकर के,
शंकर चले जिस घड़ी,
घर हिमाचल के,
आना गजब हो गया,
शंकर चले जिस घड़ी।।

बैल पे बैठके,
राख तन पे मले,
काँधे झोला बड़ा,
नाग विषधर गले,
दूल्हा बूढ़ा सा जोगी है,
लम्बी जटा,
चंदा मस्तक सजाना,
गजब हो गया,
दुल्हा बनकर के,
शंकर चले जिस घड़ी,
घर हिमाचल के,
आना गजब हो गया,
शंकर चले जिस घड़ी।।

क्या बाराती अजब से है
भोले के संग,
हाथी घोड़े पे है कोई,
मस्त मलंग,
मैना रानी ने देखा ये,
जब माजरा,
मैना रानी ने देखा ये,
जब माजरा,
‘बिन्नू’ शिव का ये बाना,
गजब हो गया,
दुल्हा बनकर के,
शंकर चले जिस घड़ी,
घर हिमाचल के,
आना गजब हो गया,
शंकर चले जिस घड़ी।।

बनकर के,
शंकर चले जिस घड़ी,
घर हिमाचल के,
आना गजब हो गया,
क्या अजब शान थी,
क्या गजब रूप था,
शिव का दूल्हा बनाना,
गजब हो गया,
दूल्हा बनकर के,
शंकर चले जिस घड़ी।।

यदि आप भी भगवान शिव के विवाह के इस पवित्र क्षण का अनुभव करना चाहते हैं, तो शिव की बारात आई है शिवरात्रि और लाखों दानी देखे लेकिन तेरी अलग कहानी जैसे भजन भी गा सकते हैं, जो भगवान शिव के आशीर्वाद को और गहरा करेंगे। इन भजनों के माध्यम से हम भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति को और भी प्रगाढ़ कर सकते हैं।

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