नंदी पे बिठा के तू घूमा दे भोले जोगिया एक अत्यंत आनंददायक और भक्तिभाव से भरा हुआ शिव भजन है, जो भक्त की भोलेनाथ से प्रेमभरी विनती को दर्शाता है। इस भजन में भक्त शिवजी से आग्रह करता है कि वे उसे अपने वाहन नंदी पर बैठाकर दिव्य लोकों की यात्रा कराएं। यह गीत एक भक्त की मासूम लेकिन गहरी इच्छा को दर्शाता है—भगवान शिव के सान्निध्य में कुछ क्षण बिताने की।
Nandi Pe Bitha Ke Tu Ghuma De Bhole Jogiya Bhajan Lyrics
नंदी पे बिठा के तू,
घूमा दे भोले जोगिया,
देखूं सारा संसार,
चले पर्वत के उस पार,
दुनिया देखन दे देखन दे,
कलयुग का ये दौर,
गौरा बदली सारी दुनिया,
बड़ा स्वार्थी संसार,
वहां जाना है बेकार,
तप कर लेन दे कर लेन दे,
नन्दी पे बिठा के तू,
घूमा दे भोले जोगिया।।
कैसी भोले तुमने दुनिया बनाई,
देखूँगी एक बार हो,
पापी अधर्मी लोग यहाँ पे,
बहुत बुरा संसार हो,
तुम तो कहते मेरे जगत में,
तुम तो कहते मेरे जगत में,
होती है जय जयकार हो,
गौरा रानी सुनो ये है,
माया की नगरिया,
देखूं सारा संसार,
चले पर्वत के उस पार,
दुनिया देखन दे देखन दे,
नन्दी पे बिठा के तू,
घूमा दे भोले जोगिया।।
मैने सुना पिया पृथ्वी लोक में,
पावन है हरिद्वार हो,
हरिद्वार ही गंगा धाम है,
कहते है हरी का द्वार हो,
ले चल भोले गंगा किनारे,
ले चल भोले गंगा किनारे,
देखूँगी चमत्कार हो,
होती है क्यो व्याकुल,
इतनी गणपति की मैया,
बड़ा स्वार्थी संसार,
वहां जाना है बेकार,
तप कर लेन दे कर लेन दे,
नन्दी पे बिठा के तू,
घूमा दे भोले जोगिया।।
गौरा रानी ये गंगा धाम तो,
लाखो योजन दूर हो,
तुम तो अंतर्यामी हो भोले,
फिर काहे मजबूर हो,
अच्छा गौरा गंगा धाम अब,
अच्छा गौरा गंगा धाम अब,
हम जाएँगे जरुर हो,
देर नही करो चलो,
ओ भोले सांवरिया,
देखूं सारा संसार,
चले पर्वत के उस पार,
दुनिया देखन दे देखन दे,
नन्दी पे बिठा के तू,
घूमा दे भोले जोगिया।।
नंदी पे बिठा के तू,
घूमा दे भोले जोगिया,
देखूं सारा संसार,
चले पर्वत के उस पार,
दुनिया देखन दे देखन दे,
कलयुग का ये दौर,
गौरा बदली सारी दुनिया,
बड़ा स्वार्थी संसार,
वहां जाना है बेकार,
तप कर लेन दे कर लेन दे,
नन्दी पे बैठा के तू,
घूमा दे भोले जोगिया।।
“नंदी पे बिठा के तू घूमा दे भोले जोगिया” जैसा भजन भक्त और भगवान के बीच आत्मीय रिश्ते को दर्शाता है, जिसमें प्रेम, विनम्रता और अनुराग भरा होता है। शिवजी की भक्ति में डूबने से हमारे जीवन में आनंद और संतुलन आता है। भगवान शिव के अन्य भजनों जैसे “भोले बाबा से जिनका संबंध है”, “भोले की दीवानी बन जाउंगी”, “किया तप इस कदर हुआ शिव पे असर”, और “गौरा ढूंढ रही किसी ने मेरा भोला देखा” को भी अवश्य पढ़ें। इन भजनों को पढ़कर हम शिवजी की करुणा, उनकी लीला और उनके अद्भुत सान्निध्य को गहराई से अनुभव कर सकते हैं।

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile