देखो शिव की बारात चली है यह भजन भगवान शिव की दिव्य और अलौकिक बारात का भव्य वर्णन करता है। पंडित सत्य प्रकाश जी द्वारा प्रस्तुत यह भजन शिवभक्तों को उस आध्यात्मिक दृश्य में ले जाता है जहाँ देवों के देव महादेव स्वयं अपनी अनोखी बारात के साथ निकलते हैं। गज, भूत, पिशाच, नागों और गणों से सजी यह बारात जितनी विचित्र है, उतनी ही भक्तिमय भी।
Dekho Shiv Ki Barat Chali Hai Bhajan Lyrics
देखो शिव की बारात चली है,
भोले शिव की बारात चली है,
सारी श्रष्टि में हलचल मचा दी,
स्वर्ग में मच गई खलबली है,
सारी श्रष्टि में हलचल मचा दी।।
शिवगणों से तो भस्मी मंगाई है,
भोले शंकर ने तन पे रमाई है,
देखो शुक्र ने ढोलक उठाया है,
शनिदेवा के हाथों शहनाई है,
लाए खड़ताल बजरंगबली है,
सारी श्रष्टि में हलचल मचा दी,
देखों शिव की बारात चली है,
सारी श्रष्टि में हलचल मचा दी।।
जब पहुंचे हिमाचल के द्वारे है,
हुए बेहोश सब डर के मारे है,
कानो में देखो बिच्छू के कुण्डल है,
गले नाग वासुकि फुफकारे है,
मुख में भोले के आग जगी है,
सारी श्रष्टि में हलचल मचा दी,
देखों शिव की बारात चली है,
सारी श्रष्टि में हलचल मचा दी।।
गौरा जाने ये शिवजी की माया है,
जान बुझ के औघड़ बन आया है,
शिव के चरणों गुहार लगाई है,
भोले शंकर ने माया हटाई है,
सारी विपदाए अब तो टली है,
भोली सूरत भोले ने बना ली,
सारी श्रष्टि में हलचल मचा दी,
देखों शिव की बारात चली है,
सारी श्रष्टि में हलचल मचा दी।।
ब्रम्हा जी ने तो फेरे पड़वाए है,
गौरा को शिव के वाम बिठाए है,
हुई गौरा की भक्तों विदाई है,
भोले संग में कैलाश पे आई है,
गौरा मैया कैलाश चली है,
चन्दन फूलों की वर्षा करा दी,
देखों शिव की बारात चली है,
सारी श्रष्टि में हलचल मचा दी।।
देखो शिव की बारात चली है,
भोले शिव की बारात चली है,
सारी श्रष्टि में हलचल मचा दी,
स्वर्ग में मच गई खलबली है,
सारी श्रष्टि में हलचल मचा दी।।
“देखो शिव की बारात चली है” भजन को पढ़कर यह अनुभव होता है कि शिव की बारात केवल विवाह का उत्सव नहीं, बल्कि आत्मा के परमात्मा से मिलन का प्रतीक है। भोलेनाथ की यह निराली बारात भक्तों के मन में अपार श्रद्धा भर देती है। अगर आपने यह भजन पढ़ा है तो “दूल्हा बना है भोला उज्जैन की नगरी में”, “भोले शंकर की शान निराली आए है आज दूल्हा बनके”, “दूल्हा उज्जैनी वाला पहने है मुंड की माला”, और “शिव जी बिहाने चले पालकी सजाई के” जैसे अन्य शिव-विवाह से जुड़े भजनों को भी अवश्य पढ़ें। ये सभी रचनाएँ शिव के विवाह उत्सव की भक्ति-भावना को गहराई से अनुभव कराती हैं।

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile