मेरा मन बावरा मदन गोपाल का

मेरा मन बावरा मदन गोपाल का भजन में भक्त अपने मन के अत्यधिक प्रेम और भक्ति को व्यक्त करता है, जो भगवान श्री कृष्ण के प्रति है। यह भजन मन की भावनाओं को उकेरता है, जिसमें भक्त अपने दिल और आत्मा से कृष्ण के प्रति अटूट प्रेम और श्रद्धा को महसूस करता है। भक्त का मन कृष्ण के प्रेम में खो गया है, और वह अपनी हर अवस्था में श्री कृष्ण के दर्शन और आशीर्वाद की कामना करता है।

Mera Man Bawra Madan Gopal Ka

मेरा मन बावरा,
मदन गोपाल का,
नंद के लाल का,
बिरज के ग्वाल का,
मेरा मन बावरा,
मदन गोपाल का।।

विधाता है वही,
रिझाता है वही,
जगाता है वही,
सुलाता है वही,
वो सुमिरन है मेरा,
मन गति चाल का,
मदन गोपाल का,
नंद के लाल का,
बिरज के ग्वाल का।।

मेरा साथी वही,
दीया बाती वही,
मेरी हर स्वास का,
दया दाता वही,
वो स्वामी है मेरा,
मेरे हर हाल का,
मदन गोपाल का,
नंद के लाल का,
बिरज के ग्वाल का।।

वही दिन रात है,
सदा तेरे साथ है,
सवेरा सांझ वो,
जगत का नाथ है,
वो माली है मेरा,
फूल फल डाल का,
मदन गोपाल का,
नंद के लाल का,
बिरज के ग्वाल का।।

मेरा मन बावरा,
मदन गोपाल का,
नंद के लाल का,
बिरज के ग्वाल का,
मेरा मन बावरा,
मदन गोपाल का।।

यह भजन भक्त की कृष्ण के प्रति एक अत्यधिक श्रद्धा और भक्ति को दर्शाता है। “मेरा मन बावरा मदन गोपाल का” भजन हमें यह सिखाता है कि जब हम भगवान के प्रति पूरी श्रद्धा और प्रेम से भर जाते हैं, तो हमारा मन शांति और आनंद से भर जाता है। श्री कृष्ण के इस प्रेम में जीवन के सारे दुख और संघर्ष दूर हो जाते हैं। जय श्री कृष्ण!

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