मैं खाटू द्वार आया आया दुनिया से हार के यह भजन उस भावनात्मक यात्रा को दर्शाता है जब भक्त श्याम बाबा के दर पर पहुंचकर अपनी सारी परेशानियों और दुखों को बाबा के चरणों में समर्पित कर देता है। भजन के शब्द भक्त की आंतरिक अर्चना और शरणागत भाव को व्यक्त करते हैं, जिसमें वह श्याम बाबा से आशा और आशीर्वाद की याचना करता है।
Main Khatu Dwar Aaya Aaya Duniya Se Haar Ke
मैं खाटू द्वार आया,
आया दुनिया से हार के,
मुझे अपना थोड़ा प्यार दे।।
इक आस लाया हूँ,
तेरा ही गुण गाऊं,
श्याम तेरे कीर्तन में,
मुझे पुरा भरोसा है,
मेरे श्याम बाबा तुझ पर,
बताऊं हर कीर्तन में,
तुम करना ना इन्कार,
आया दुनिया से हार के,
मै खाटु द्वार आया,
आया दुनिया से हार के।।
चर्चा सुनी तेरी,
हारे का सहारा है,
उम्मीद मेरी मत तोड़ना,
बड़ी दूर से आया हूं,
मैं हार के आया हूं,
खाली मुझे मत मोड़ना,
कर लो तुम स्वीकार,
आया दुनिया से हार के,
मै खाटु द्वार आया,
आया दुनिया से हार के।।
ये ‘दीपक दीवाना’ भी,
खाटू में आ करके,
तेरे नाम की चर्चा करें,
हर ग्यारस में आकर,
तेरे भजनों को गाकर,
अपनी खाली झोली भरे,
मेरी थामो तुम पतवार,
आया दुनिया से हार के,
मै खाटु द्वार आया,
आया दुनिया से हार के।।
मैं खाटू द्वार आया,
आया दुनिया से हार के,
मुझे अपना थोड़ा प्यार दे।।
“मैं खाटू द्वार आया आया दुनिया से हार के” भजन भक्तों को यह सिखाता है कि जीवन की कठिनाइयों और दुनिया की समस्याओं से घबराए बिना, शरण लेने से श्याम बाबा के दर पर मिलती शांति और राहत को समझा जाए। बाबा की भक्ति ही सबसे बड़ी शरण है, जो सभी दुखों का निवारण करती है। खाटू श्याम के दरबार में पहुंचने से जीवन में नया उल्लास और समर्पण आता है। जय श्री श्याम!