मेरे बाबा लखदातार मेरी लाज बचालो

मेरे बाबा लखदातार मेरी लाज बचालो यह भजन श्याम बाबा की असीम कृपा और उनके भक्तों के लिए उनके अनगिनत आशीर्वादों का आह्वान करता है। इसमें भक्त श्याम बाबा से अपनी लाज, यानी सम्मान और आत्मसम्मान की रक्षा की प्रार्थना कर रहा है। लखदातार, अर्थात् वह जो लाखों भक्तों की दुआओं को सुनते हैं और उनकी सभी समस्याओं का समाधान करते हैं, बाबा से आशीर्वाद की याचना की जा रही है।

Mere Baba Lakhdatar Meri Laaj Bachalo

मेरे बाबा लखदातार,
मेरी लाज बचालो,
लुट जाए ना बीच बाजार,
मेरी लाज बचा लो।।

हारे के साथी हो तुम,
मैं भी तो हारा हूं,
थाम लो कलाई मेरी,
मैं बेसहारा हूं,
मैं खड़ा बीच मझधार,
मेरी लाज बचा लो।।

लाज मेरी लुट गई तो,
कैसे मैं जी पाऊंगा,
कैसे किसी के आगे,
अपना मुंह दिखाऊंगा,
जीना होगा दुश्वार,
मेरी लाज बचा लो।।

‘टीनू’ मजबूर ठहरा,
आपसे है क्यो दूरी,
भूलो को भुला के मेरी,
अब तो दे दो मंजूरी,
मेरा करो सुखी परिवार,
मेरी लाज बचा लो।।

मेरे बाबा लखदातार,
मेरी लाज बचालो,
लुट जाए ना बीच बाजार,
मेरी लाज बचा लो।।

मेरे बाबा लखदातार मेरी लाज बचालो भजन श्याम बाबा के सामने अपनी व्यथा व्यक्त करने और उनकी कृपा की आकांक्षा का प्रतीक है। यह भजन विशेष रूप से उन भक्तों के लिए है, जो श्याम बाबा के आशीर्वाद से अपने जीवन की समस्याओं से उबरने की कामना करते हैं। श्याम की भक्ति में डूबकर, हर भक्त उनके दरबार में आकर अपने जीवन की कठिनाइयों से मुक्त हो जाता है। श्याम के अन्य भजनों जैसे “तेरे दर आया बाबा” और “श्याम का रंग चढ़ गया” से जुड़कर, भक्त और भी गहरे आस्था के साथ उनके चरणों में समर्पित होते हैं। जय श्री श्याम!

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