खाटू की ओल्यू म्हाने आवेजी एक भक्तिपूर्ण भजन है, जिसमें खाटू श्याम के प्रति भक्ति और प्रेम व्यक्त किया गया है। इस भजन में भक्त श्री श्याम से अपनी सच्ची श्रद्धा और भक्ति की आह्वान कर रहे हैं। “ओल्यू” शब्द यहां श्याम की आशीर्वाद और कृपा के रूप में प्रयोग हुआ है, जो भक्तों के जीवन में समृद्धि और शांति लाता है।
Khatu Ki Olyu Mhane Aaveji
फागुण को मेलो आयो,
भक्तां न रंग जमायो,
खाटू की ओल्यू म्हाने आवेजी,
ओ बाबा,
खाटू की ओल्यूं म्हाने आवेजी।।
अबीर गुलाल से चमके,
चंदा सो मुखड़ो जी,
बागां सूं गम-गम गमके,
इत्र की खुशबू जी,
थारी सुरतिया म्हारे,
हिवड़े म डोले रे
खाटु की ओल्यूं म्हाने आवेजी,
ओ बाबा,
खाटु की ओल्यूं म्हाने आवेजी।।
हाथां में लेके निशान,
पैदल म्हे आवांगा,
ढोल मंजीरा बजा के,
भजन सुनावांगा,
बाबा जी म्हारी सुणल्यो,
दर पे थे म्हाने बुलाल्यो,
खाटु की ओल्यूं म्हाने आवेजी,
ओ बाबा,
खाटु की ओल्यूं म्हाने आवेजी।।
हारे का साथ निभावे,
म्हारो यो लखदातारी,
आंख्यां या नीर बहावे,
दर्शन दो कृष्ण मुरारी,
बेगा थे आन पधारो,
चरणां सूं मन्ने लगाल्यो,
बेगा म्हारा श्याम पधारो,
राधा न गले लगाल्यो,
खाटु की ओल्यूं म्हाने आवेजी,
ओ बाबा,
खाटु की ओल्यूं म्हाने आवेजी।।
फागुण को मेलो आयो,
भक्तां न रंग जमायो,
खाटू की ओल्यू म्हाने आवेजी,
ओ बाबा,
खाटू की ओल्यूं म्हाने आवेजी।।
खाटू की ओल्यू म्हाने आवेजी भजन यह दर्शाता है कि श्याम के आशीर्वाद से जीवन के सभी संकट हल हो जाते हैं। इस भजन में भक्त अपनी श्रद्धा और शरणागत भाव से श्याम से कृपा की याचना करते हैं। श्याम की अनुकंपा से हर कठिनाई का समाधान हो जाता है, और भक्त इस भजन को पढ़ते या गाते हुए अपने जीवन में श्याम की आशीर्वादपूर्ण उपस्थिति को महसूस करते हैं। जय श्री श्याम