होली खेलनी ऐ आज तेरे नाल ओ वृन्दावन रैन वालेया एक भक्ति भजन है जो श्री कृष्ण की होली के साथ जुड़ी भावनाओं को व्यक्त करता है। इस भजन में भक्त श्री कृष्ण के साथ होली खेलने की इच्छा व्यक्त करते हैं, जबकि वे वृन्दावन की रात्रि के माहौल में रंगों और प्रेम से भरपूर उत्सव का जश्न मना रहे होते हैं।
Holi Khelni Aye Aaj Tere Naal O Vrindavan Rain Waleya
होली खेलनी ऐ आज तेरे नाल,
ओ वृन्दावन रैन वालेया,
ओ वृन्दावन रैन वालेया,
वृन्दावन रैन वालेया,
होली खेलणी ऐ आज तेरे नाल,
ओ वृन्दावन रैन वालेया।।
थक गया जग नाल खेल खेल होलियां,
भर भर रंगा दिया गागरा ने ढोलियाँ,
रंग लेह गया नालो नाल,
ओ वृन्दावन रैन वालेया
होली खेलणी ऐ आज तेरे नाल,
ओ वृन्दावन रैन वालेया।।
छड मुरली हून फड़ पिचकारी वे,
प्रेम दे रंग विच रंगी दुनियां सारी वे,
तू वि हो जा लालो लाल,
ओ वृन्दावन रैन वालेया
होली खेलणी ऐ आज तेरे नाल,
ओ वृन्दावन रैन वालेया।।
खेल गुलाल चाहे खेल फूल होली वे,
खेल लड्डू होली भावे खेल लाठ होली वे,
भावे खेल ले मखना दे नाल,
ओ वृन्दावन रैन वालेया
होली खेलणी ऐ आज तेरे नाल,
ओ वृन्दावन रैन वालेया।।
वज रहे होलियां ते ढोल नगाड़े ने,
नच ले ‘मधुप’ आज नच रहे सारे ने,
आज नच नच के होजा निहाल,
ओ वृन्दावन रैन वालेया
होली खेलणी ऐ आज तेरे नाल,
ओ वृन्दावन रैन वालेया।।
होली खेलनी ऐ आज तेरे नाल,
ओ वृन्दावन रैन वालेया,
ओ वृन्दावन रैन वालेया,
वृन्दावन रैन वालेया,
होली खेलणी ऐ आज तेरे नाल,
ओ वृन्दावन रैन वालेया।।
होली खेलनी ऐ आज तेरे नाल ओ वृन्दावन रैन वालेया भजन हमें श्री कृष्ण के साथ होली खेलने के मधुर अनुभव का अहसास कराता है। जैसे ही भक्त श्री कृष्ण के साथ रंगों में रंगते हैं, वे अपने हृदय में श्री कृष्ण के प्रेम और दिव्य ऊर्जा को महसूस करते हैं। यह भजन वृन्दावन की रात्रि में रंगीनी और प्रेम से भरपूर माहौल का प्रतीक है, और हमें श्री कृष्ण के साथ होली के इस दिव्य उत्सव में भाग लेने के लिए प्रेरित करता है। जय श्री कृष्ण!