अजब है भोलेनाथ ये दरबार तुम्हारा भजन लिरिक्स

अजब है भोलेनाथ ये दरबार तुम्हारा पढ़ने जा रहे हैं, वह भगवान शिव के दरबार की अनोखी महिमा और उनके आशीर्वाद को व्यक्त करता है। इस भजन में भक्त भगवान शिव के दरबार की अपार शक्ति और उस दरबार में होने वाले चमत्कारों को महसूस करते हुए उनकी महिमा का गुणगान करते हैं। भगवान शिव का दरबार हर भक्त के लिए एक पवित्र स्थान है, जहां हर समस्या का समाधान मिलता है।

Ajab Hai Bholenath Ye Darbar Tumhara Bhajan Lyrics

अजब है भोलेनाथ ये,
दरबार तुम्हारा,
दरबार तुम्हारा,
भूत प्रेत नित करे चाकरी,
सबका यहाँ गुज़ारा,
अजब है भोलेंनाथ ये,
दरबार तुम्हारा,
दरबार तुम्हारा।।

बाघ बैल को हरदम,
एक जगह पर राखे,
कभी ना एक दूजे को,
बुरी नज़र से ताके,
कही और नही देखा हमने,
ऐसा गजब नज़ारा,
अजब है भोलेंनाथ ये,
दरबार तुम्हारा,
दरबार तुम्हारा।।

गणपति राखे चूहा,
कभी सर्प नही छुआ,
भोले सर्प लटकाए,
कार्तिक मोर नचाए,
आज का कानून नही है तेरा,
अनुशाशित है सारे,
अजब है भोलेंनाथ ये,
दरबार तुम्हारा,
दरबार तुम्हारा।।

अजब है भोलेनाथ ये,
दरबार तुम्हारा,
दरबार तुम्हारा,
भूत प्रेत नित करे चाकरी,
सबका यहाँ गुज़ारा,
अजब है भोलेंनाथ ये,
दरबार तुम्हारा,
दरबार तुम्हारा।।

“अजब है भोलेनाथ ये दरबार तुम्हारा” भजन हमें यह सिखाता है कि भगवान शिव का दरबार असीम कृपा, प्रेम और शक्ति का स्रोत है। जो भी इस भजन को श्रद्धा से पढ़े या नियमित रूप से करे, वह भगवान शिव के दरबार में अपनी समस्याओं का समाधान और आशीर्वाद पा सकता है। यदि यह भजन आपके दिल को शांति और संतोष प्रदान करता है, तो “जो उज्जैन की शान है वो बाबा महाकाल है”, “महाकाल से मिलने चला सवारी वाला”, “भोले जी तेरे द्वार का दीवाना” और “शिव शंभू तेरी महिमा न्यारी” जैसे अन्य शिव भजनों को भी पढ़ें। ये भजन आपकी शिव भक्ति को और गहरा और सशक्त बनाएंगे।


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