“वर दे वीणा वादिनि वर दे माँ सरस्वती वंदना” भजन में माँ सरस्वती की महिमा और उनके आशीर्वाद की कामना की जाती है। यह भजन उनके ज्ञान, विद्या, और कला के प्रति श्रद्धा व्यक्त करता है। भक्त माँ सरस्वती से यह वरदान माँगता है कि वे उसे विद्या और बुद्धि प्रदान करें ताकि वह जीवन में सफलता प्राप्त कर सके। इस भजन में सरस्वती देवी के प्रति असीम श्रद्धा और भक्ति की गूंज है, जो हर दिल में ज्ञान की रौशनी जगाती हैं।
Var de Vina Vadini Var De
वर दे वीणा वादिनि वर दे,
प्रिय स्वतंत्र रव अमृत-मंत्र नव,
भारत में भर दे,
वर दे विणा वादिनि वर दे।।
काट अंध-उर के बंधन-स्तर,
बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर,
कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर,
जगमग जग कर दे,
वर दे विणा वादिनि वर दे।।
नव गति, नव लय, ताल-छंद नव,
नवल कंठ, नव जलद-मन्द्ररव;
नव नभ के नव विहग-वृंद को,
नव पर नव स्वर दे,
वर दे विणा वादिनि वर दे।।
वर दे वीणा वादिनि वर दे,
प्रिय स्वतंत्र रव अमृत-मंत्र नव,
भारत में भर दे,
वर दे विणा वादिनि वर दे।।
Singer – Chetna
माँ सरस्वती की कृपा से ही जीवन में सफलता और ज्ञान का मार्ग प्रशस्त होता है। यदि यह भजन आपके भीतर विद्या और कला की प्रेरणा का संचार करता है, तो मेरी माँ को खबर हो गई जैसे अन्य भक्तिगीत भी आपकी श्रद्धा को और गहरा कर सकते हैं। जय माँ सरस्वती! 🙏

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩