जब माँ अपने भक्तों के आँगन में पधारती हैं, तो पूरे वातावरण में दिव्यता और आनंद का संचार हो जाता है। “माई अँगना पधारी मज़ा आ गया” भजन भक्त के हर्ष और उमंग का सुंदर वर्णन करता है, जब माँ स्वयं उसके द्वार पर आती हैं। माँ की उपस्थिति से हर दुख, हर पीड़ा दूर हो जाती है, और चारों ओर खुशियों की बौछार होती है। यह भजन माँ के आगमन की उस अवर्णनीय अनुभूति को व्यक्त करता है, जब भक्त का मन उल्लास से भर उठता है।
Mai Angna Padhari Maja Aa Gya
क्रीट कुंडल पहन,
डाले काज़ल नयन,
माई अँगना पधारी,
मज़ा आ गया,
होंठ लाली लगी,
माथे बिंदिया सजी,
माई अँगना पधारीं,
मज़ा आ गया।।
धोके चरणों को,
चरणामृत पी लिया,
धूप नैवेद्य से,
माँ का स्वागत किया,
दीप माला सजी,
खिल उठी हर कली,
माई अँगना पधारीं,
मज़ा आ गया।।
सिंह के साथ,
आई हैं माता मेरी,
शस्त्र धारण किये,
कंठ माला सजी,
माँ सुदर्शन लिए,
सबने दर्शन किये,
माई अँगना पधारीं,
मज़ा आ गया।।
लाल चूनर में माँ,
बड़ी प्यारी लगें,
नित नए रूप में,
सबसे प्यारी लगें,
हाथ कंगना सजे,
पांव पायल बजे,
माई अँगना पधारीं,
मज़ा आ गया।।
क्रीट कुंडल पहन,
डाले काज़ल नयन,
माई अँगना पधारी,
मज़ा आ गया,
होंठ लाली लगी,
माथे बिंदिया सजी,
माई अँगना पधारीं,
मज़ा आ गया।।
गीतकार – राजेंद्र प्रसाद सोनी।
माँ का आगमन ही भक्तों के लिए सबसे बड़ा उत्सव है, क्योंकि उनके चरणों की रज से ही जीवन धन्य हो जाता है। जब माँ कृपा बरसाती हैं, तो हर दिशा रोशन हो जाती है। यदि यह भजन आपकी भक्ति को और प्रगाढ़ कर दे, तो मैया ना भुलाना हमको ना भुलाना जैसे अन्य भक्तिमय गीत भी आपके मन को भक्तिरस से भर सकते हैं। माँ की कृपा हम सब पर बनी रहे! जय माता दी! 🙏

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩