जबलपुर में काली विराजी है महाकाली भजन लिरिक्स

जबलपुर की पावन धरती पर माँ महाकाली का दिव्य आशीर्वाद सदा भक्तों पर बना रहता है। “जबलपुर में काली विराजी है महाकाली” भजन माँ काली की महिमा और उनके पवित्र निवास का गुणगान करता है। माँ महाकाली अपने भक्तों के हर संकट को हरती हैं और उन्हें शक्ति व साहस प्रदान करती हैं। जब भक्त सच्चे मन से माँ का स्मरण करते हैं, तो माँ उन्हें अपने आशीर्वाद से कृतार्थ कर देती हैं। यह भजन जबलपुर में विराजमान माँ काली के अलौकिक स्वरूप और उनकी कृपा का मधुर वर्णन है।

Jabalpur Me Kali Viraji Hai Mahakali

दोहा –
तेरे दीदार को मैया,
तरसे मोरी अंखियां,
दे दर्शन इस लाल को,
जो आऊं तोरि दुअरिया।

अरे भगतन खो दर्शन देबे ले लाने,
गढ़ा फाटक में देवी दिखानी है,
जबलपुर में काली विराजी है,
जबलपुर में काली विराजी हैं।।

अरे रोगी खों काया,
निर्धन खो माया,
देती मात भवानी है,
जबलपुर में काली विराजी हैं।।

अरे दानव दलन करे,
दुष्टों खों मारे,
ऐसी मां कल्याणी है,
जबलपुर में काली विराजी हैं।।

अरे तू ही शारदा,
तू ही भवानी,
तू जग की रखवाली है,
जबलपुर में काली विराजी हैं।।

अरे हाथ जोर सब,
अर्जी लगावें,
द्वारे पे सब नर नारी हैं,
जबलपुर में काली विराजी हैं।।

अरे भगतन खो दर्शन देबे ले लाने,
गढ़ा फाटक में देवी दिखानी है,
जबलपुर में काली विराजी हैं,
जबलपुर में काली विराजी हैं।।

गायक / लिरिक्स – उदय लकी सोनी।

माँ महाकाली अपने भक्तों की हर पीड़ा हरकर उन्हें सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं। जब जब भक्त संकट में होते हैं, तब माँ काली उन्हें राह दिखाती हैं और रक्षास्वरूप बनकर उनका उद्धार करती हैं। यदि यह भजन आपकी भक्ति को और गहरा कर दे, तो कितना सोणा है दरबार भवानी तेरा ये सिणगार जैसे अन्य भक्तिमय गीत भी आपकी श्रद्धा को और प्रगाढ़ कर सकते हैं। माँ काली की कृपा हम सब पर बनी रहे! जय माता दी! 🙏

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