दुःख की बदली जब जब मुझ पे छा गई माता भजन लिरिक्स

जीवन में जब-जब दुःख और अंधकार का समय आता है, तब माँ दुर्गा ही भक्तों की रक्षा करती हैं और उनके जीवन में प्रकाश लाती हैं। “दुःख की बदली जब जब मुझ पे छा गई माता” भजन माँ की कृपा और भक्तों पर उनके अटूट स्नेह को दर्शाता है। जब इंसान अपने कष्टों से घिर जाता है और हर ओर निराशा दिखती है, तब माँ अपने आशीर्वाद से हर दुःख का नाश कर देती हैं। यह भजन माँ के अनंत प्रेम और करुणा को सजीव रूप में प्रस्तुत करता है।

Dukh Ki Badali Jab Jab Mujhe Pe Chha Gayi

दुःख की बदली,
जब जब मुझ पे छा गई,
सिंह सवारी करके,
मैया आ गई,
वो आ गई वो आ गई,
वो आ गई मेरी माँ,
दुख की बदली,
जब जब मुझ पे छा गई,
सिंह सवारी करके,
मैया आ गई।।

जब जब संकट आया है,
माँ को सामने पाया है,
दुनिया ने रिश्ते तोड़े,
इसने साथ निभाया है,
रोते हुए को हसा गई,
अपने गले लगा गई,
वो आ गई वो आ गई,
वो आ गई मेरी माँ,
दुख की बदली,
जब जब मुझ पे छा गई,
सिंह सवारी करके,
मैया आ गई।।

स्वार्थ के संसार में,
तू ही एक सहारा है,
तेरे बिना इस जग में माँ,
कोई नहीं हमारा है,
हारे हुए को जीता गई,
भक्त का मान बढ़ा गई,
वो आ गई वो आ गई,
वो आ गई मेरी माँ,
दुख की बदली,
जब जब मुझ पे छा गई,
सिंह सवारी करके,
मैया आ गई।।

ये सच्ची दातार है,
इसकी दया अपार है,
इसकी रहमत से चलता,
मेरा घर संसार है,
‘रजनी’ की बिगड़ी बना गई,
हर घड़ी लाज बचा गई,
वो आ गई वो आ गई,
वो आ गई मेरी माँ,
Bhajan Diary Lyrics,
दुख की बदली,
जब जब मुझ पे छा गई,
सिंह सवारी करके,
मैया आ गई।।

दुःख की बदली,
जब जब मुझ पे छा गई,
सिंह सवारी करके,
मैया आ गई,
वो आ गई वो आ गई,
वो आ गई मेरी माँ,
दुख की बदली,
जब जब मुझ पे छा गई,
सिंह सवारी करके,
मैया आ गई।।

स्वर – रजनी राजस्थानी।

माँ दुर्गा अपने भक्तों को कभी अकेला नहीं छोड़तीं। जब-जब जीवन में कठिनाइयाँ आती हैं, माँ अपनी कृपा से हर समस्या का हल निकाल देती हैं। यदि यह भजन आपकी श्रद्धा को और गहरा कर दे, तो लाल सिंघा पे खेल रही मैया मेरी जैसे अन्य भक्तिमय गीत भी आपकी भक्ति को और प्रगाढ़ कर सकते हैं। माँ दुर्गा की कृपा हम सब पर बनी रहे! जय माता दी! 🙏

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