कण कण में तेरा जलवा कुदरत का इशारा है भजन लिरिक्स

इस ब्रह्मांड का हर कण गुरुदेव की महिमा का प्रमाण है। चाहे सूरज की किरणें हों, चाँदनी की शीतलता, बहती नदियों का संगीत हो या खिले हुए फूलों की सुगंध—हर चीज़ में हमें गुरुदेव की दिव्यता का अहसास होता है। “कण कण में तेरा जलवा कुदरत का इशारा है” भजन इसी अद्भुत अनुभूति को दर्शाता है, जहाँ भक्त गुरुदेव की सर्वव्यापकता और उनकी अपार कृपा को नमन करता है।

Kan Kan Me Tera Jalwa Kudrat Ka Esara Hai Bhajan Lyrics

कण कण में तेरा जलवा,
कुदरत का इशारा है,
तारो में चमक तेरी,
चंदा में नजारा है।।

जबसे मेरे गुरुवर का,
मन में परकाश हुआ,
मैं जान गया घट में,
प्रभु वास तुम्हारा है,
कण कण मे तेरा जलवा,
कुदरत का इशारा है।।

मैं खेल समझता था,
दुनिया के झमेले को,
कर दिया गुरु ने दूर,
मन से अँधियारा है,
कण कण मे तेरा जलवा,
कुदरत का इशारा है।।

जग झंझट छूट गए,
ये करम है सतगुरु का,
हमें गुरु भी प्यारा है,
गोविन्द भी प्यारा है,
कण कण मे तेरा जलवा,
कुदरत का इशारा है।।

सांसो में बसा गुरुवर,
धड़कन में बसा दाता,
अब मौत से क्या डरना,
जब गुरु का सहारा है,
कण कण मे तेरा जलवा,
कुदरत का इशारा है।।

तेरे दास की है विनती,
बस एक तमन्ना है,
जब रूठे ना तुम रूठो,
मेरा कहाँ गुजारा है,
कण कण मे तेरा जलवा,
कुदरत का इशारा है।।

कण कण में तेरा जलवा,
कुदरत का इशारा है,
तारो में चमक तेरी,
चंदा में नजारा है।।

जो इस सृष्टि के हर कण में गुरुदेव की उपस्थिति को पहचान लेता है, उसका जीवन सहज और आनंदमय हो जाता है। भक्ति की इस मधुर धारा में और भी गहराई तक जाने के लिए “तेरे एहसान का बदला चुकाया जा नहीं सकता”, “गुरुदेव मेरी नैया उस पार लगा देना”, “बरसा दाता सुख बरसा आँगन आँगन सुख बरसा”, और “गुरु रहमत से तर जाएगा” जैसे भजनों को पढ़ें और गुरुदेव की कृपा में डूब जाएँ।









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