गुरुदेव की कृपा जब बरसती है, तो मन में वैसे ही आनंद की वर्षा होती है जैसे सावन की रिमझिम फुहारें धरती को शीतल कर देती हैं। रिमझिम फुहारो सा आनँद होगा गुरुदेव भजन उसी दिव्य अनुभूति की झलक देता है, जो सतगुरु की छत्रछाया में मिलती है। यह भजन हमारे हृदय को श्रद्धा और प्रेम से भरने वाला है।
Rimjhim Fuharo Sa Aanand Hoga Gurudev Bhajan Lyrics
रिमझिम फुहारो सा आनँद होगा,
जिस दिन तेरा मन पावन होगा,
नाम निरँतर घट मे तेरे,
जिसदिन जापन होगा,
रिमझिम फुहारो सा आनंद होगा,
जिस दिन तेरा मन पावन होगा।।
प्रेम की बाती से अपना,
दीप तू जलाय ले,
प्यारे सतगुरु की छवि,
मन मे बसाय ले,
ज्योति से घर तेरा,
रोशन होगा,
जिस दिन तेरा मन पावन होगा।।
बैठ सुबहो शाम नित,
ध्यान को तू करना,
सीख ले गुरू से अपने,
जीना और मरना,
जग मे कभी फिर ना,
आवन होगा,
जिस दिन तेरा मन पावन होगा।।
मुट्ठी बाँध के आया जग मे,
खाली हाथ न जाना,
जो तू लेकर आया उसको,
दुगना कर ले जाना,
तरने का भव से वो,
साधन होगा,
जिस दिन तेरा मन पावन होगा।।
रिमझिम फुहारो सा आनँद होगा,
जिस दिन तेरा मन पावन होगा,
नाम निरँतर घट मे तेरे,
जिसदिन जापन होगा,
रिमझिम फुहारो सा आनंद होगा,
जिस दिन तेरा मन पावन होगा।।
सच्चे गुरु की कृपा जब मिलती है, तो जीवन में हर कठिनाई सरल लगने लगती है, और आत्मा शांति का अनुभव करती है। आगे “गुरुदेव तुम्हारे चरणों में बैकुंठ का वास लगे मुझको”, “सारे तीरथ धाम आपके चरणों में गुरुदेव”, “गुरुदेव चले आना एक बार चले आना” और “तेरे चरणों में सतगुरु मेरी प्रीत हो” भजनों को पढ़ें और गुरुकृपा का आनंद प्राप्त करें।

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। जय सनातन धर्म