बार बार अरदास करूँ मै सतगुरू जी सरकार भजन लिरिक्स

गुरु की महिमा अपरंपार है, उनकी कृपा से ही भक्त का जीवन संवरता है। बार बार अरदास करूँ मै सतगुरू जी सरकार भजन लिरिक्स भजन भक्त के उस समर्पण को दर्शाता है, जिसमें वह अपने सतगुरु के चरणों में बार-बार प्रार्थना करता है। जब जीवन की कठिनाइयाँ घेर लेती हैं, तब गुरु ही वह प्रकाश हैं जो हमें राह दिखाते हैं। इस भजन के माध्यम से हम अपनी श्रद्धा और समर्पण व्यक्त कर सकते हैं।

Baar Baar Ardas Karun Main Satguru Ji Sarkar Bhajan

बार बार अरदास करूँ मै,
सतगुरू जी सरकार,
नैया को मेरी कर देना उस पार,
बार बार हर बार कहूँ ये,
सतगुरु जी सरकार,
नैया को मेरी कर देना उस पार।।

छाया अँधियारा प्रभू,
देखूँ मै जिधर,
सूझे न कुछ भी मझे,
जाऊँ मै किधर,
राह बतादो,
मुझको दाता,
आकर के एक बार,
नैया को मेरी कर देना उस पार।।

नैया टूटी है मेरी,
क्या करूँ जतन,
लेलो मेरे सतगुरू,
मुझे अपनी शरण,
ठोकर एक लगादो इसमे,
हो जाए भव पार,
नैया को मेरी कर देना उस पार।।

साँसो की डोरी मेरी,
टूटे जो कभी,
तेरे ही सुमिरन मे बीते ये सभी,
ऐ मेरेसतगुरू मुझपे दाता,
करदो ये उपकार,
नैया को मेरी कर देना उस पार।।

बार बार अरदास करूँ मै,
सतगुरू जी सरकार,
नैया को मेरी कर देना उस पार,
बार बार हर बार कहूँ ये,
सतगुरु जी सरकार,
नैया को मेरी कर देना उस पार।।

गुरु की अरदास से ही सब संकट दूर होते हैं और मन को सच्ची शांति प्राप्त होती है। आगे “तेरे चरणों में सतगुरु मेरी प्रीत हो”, “गुरुदेव तुम्हारे चरणों में बैकुंठ का वास लगे”, “जो गए गुरु द्वारे भव से पार हो गए” और “गुरुदेव मेरे दाता मुझको ऐसा वर दो” भजनों को पढ़ें और गुरु भक्ति की इस भावधारा में डूब जाएँ।



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