सतगुरु की कृपा से ही जीवन में सच्चा मार्गदर्शन मिलता है, और उनकी शरण ही भक्तों का सबसे बड़ा संबल होती है। कितना प्यारा द्वारा है सतगुरू नँगली वालो का भजन हमें उस दिव्य धाम की महिमा से परिचित कराता है, जहाँ भक्तों के सभी दुख हर लिए जाते हैं। इस पावन स्थान पर आकर मन को असीम शांति और प्रेम का अनुभव होता है। आइए, इस भजन को पढ़कर गुरुदेव के पावन द्वार की महिमा का गुणगान करें।
Kitna Pyara Dwara Hai Satguru Nangali Walo Ka
कितना प्यारा द्वारा है,
सतगुरू नँगली वालो का,
इस द्वारे जो आए तो,
सतगुरू करे सँभाल,
करे निहाल,
नँगली वालिये,
हाराँ वालिये,
कितना प्यारा द्वारा है।।
हो भला या वो बुरा हो,
प्यारे दोनो है गुरू को,
हो जीवन दाता,
भाग्य विधाता,
करते प्यार समान,
सबको गले लगाते है,
कितना प्यारा द्वारा है।।
पाया हीरे जैसे तन को,
क्यो फँसाया जग मे,
मन को,
हो आजा प्यारे सतगुरू द्वारे,
करले गुरू का ध्यान,
जीवन सफल बना भी ले,
कितना प्यारा द्वारा है।।
जो भी आया द्वार इनके,
बनते सारे काम उनके,
जो जिस भाव से,
गुरु को ध्यावे,
फल वो वैसा पावे,
जिनको गुरु से प्रेम है,
कितना प्यारा द्वारा है।।
कितना प्यारा द्वारा है,
सतगुरू नँगली वालो का,
इस द्वारे जो आए तो,
सतगुरू करे सँभाल,
करे निहाल,
नँगली वालिये,
हाराँ वालिये,
कितना प्यारा द्वारा है।।
गुरुदेव के पवित्र द्वार पर जो श्रद्धा से आता है, उसे जीवन में कभी अंधकार का सामना नहीं करना पड़ता। उनकी कृपा से भक्तों को सच्चे आनंद की प्राप्ति होती है। आगे “तेरे चरणों में सतगुरु मेरी प्रीत हो”, “गुरुदेव तुम्हारे चरणों में बैकुंठ का वास लगे”, “जो गए गुरु द्वारे भव से पार हो गए” और “तेरी महिमा को न जानूं मैं गुरुदेव” जैसे भजनों को पढ़ें और गुरुदेव की भक्ति में रम जाएं।

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩