कब से पुकारे तेरे लाल भजन लिरिक्स

कब से पुकारे तेरे लाल भजन एक दिल से निकलती प्रार्थना है, जिसमें भक्त अपनी माँ दुर्गा से असीम प्रेम और विश्वास के साथ आशीर्वाद की याचना करते हैं। इस भजन में भक्त माँ दुर्गा से अपने जीवन के तमाम कष्टों और दुखों से मुक्ति की कामना करते हैं, और उनके प्रति अपनी निष्ठा और समर्पण व्यक्त करते हैं। इस भजन में आत्मविश्वास और आस्था का अद्भुत मेल है, जो हर भक्त के दिल को छूने वाला है।

Kab Se Pukare Tere Laal Bhajan Lyrics

कब से पुकारे तेरे लाल,
जाके क्यों माँ बसी हो,
तुम पहाड़ पे,
कबसे पुकारें तेरे लाल।।

कैसे कोई माँ,
बच्चो से दुरी भला,
सह सकती है,
बोल ओ दाती,
भक्तो के बिन तू,
रह सकती है,
तू भी तो होगी ना बेहाल,
तू भी तो होगी ना बेहाल,
जाके क्यों माँ बसी हो,
तुम पहाड़ पे,
कब से पुकारें तेरे लाल।।

आई मिलन की,
बेला ओ मैया आजा,
दौड़ के आजा,
दूर तेरा दर,
हम आ सके ना,
पर्वत छोड़ के आजा,
अर्जी हमारी ना ये टाल,
अर्जी हमारी ना ये टाल,
जाके क्यों माँ बसी हो,
तुम पहाड़ पे,
कब से पुकारें तेरे लाल।।

पास बिठा के,
तुमको भवानी दिल का,
हाल बताते,
‘गुलशन’ तेरे बिन,
सुना है कितना दाती,
तुमको दिखाते,
सुनने को आजा जरा हाल,
सुनने को आजा जरा हाल,
जाके क्यों माँ बसी हो,
तुम पहाड़ पे,
कब से पुकारें तेरे लाल।।

कब से पुकारे तेरे लाल,
जाके क्यों माँ बसी हो,
तुम पहाड़ पे,
कब से पुकारें तेरे लाल।।

Singer – Sonu Rastogi

इस भजन के हर शब्द में माँ दुर्गा की असीम कृपा और आशीर्वाद की गहराई झलकती है। जब हम माँ दुर्गा के चरणों में समर्पित होते हैं, तो उनके आशीर्वाद से हमारे जीवन में आने वाली हर मुश्किल आसान हो जाती है। जैसे ही भक्त अपनी माँ से पुकारते हैं, वैसे ही उनके कष्ट दूर होने लगते हैं। इस भजन के साथ अगर आप [“संकट हरनी मंगल करनी कर दो बेड़ा पार”](भजन का लिंक) और [“तेरे सलकनपुर स्थान दुर्गा महारानी”](भजन का लिंक) भी सुनेंगे, तो माँ दुर्गा की भक्ति और उनके आशीर्वाद का अनुभव और भी गहरा होगा। जय माँ दुर्गा! ????

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