तेरे निशदिन जल में लेकिन गुरुदेव भजन लिरिक्स

गुरुदेव की कृपा हर क्षण, हर परिस्थिति में हमारे साथ होती है। चाहे जीवन में कितनी ही कठिनाइयाँ क्यों न आएं, उनके मार्गदर्शन से हर बाधा को पार किया जा सकता है। तेरे निशदिन जल में लेकिन गुरुदेव भजन इसी गहरे भाव को प्रकट करता है, जहाँ भक्ति की शक्ति हमें हर स्थिति में संबल प्रदान करती है।

Tere Nishdin Jal Me Lekin Gurudev Bhajan Lyrics

तेरे निशदिन जल में लेकिन,
फिर भी है मीन पियासी,
फिर भी है मीन पियासी।।

चँदा से यूँ चकोरा,
मिलने को तरसे,
ऐसे ही मेरे ये दो नैना,
मिलने को तुझे तरसे,
निशदिन ही ये बरसे,
हो आकर के दिखला दो,
प्रीतम अपनी झलक जरासी,
फिर भी है मीन पियासी,
फिर भी है मीन पियासी।।

धरती अँबर को,
कामिनी प्रियवर को,
ऐसे ही मिलने को तरसूँ,
मै अपने गुरुवर को,
हो मै अपने ईश्वर को,
एक बिरहन है जो,
तेरे दरश की,
जनम जनम की पियासी,
फिर भी है मीन पियासी,
फिर भी है मीन पियासी।।

राही मँज़िल को,
कश्ती साहिल को,
ऐसे ही मै तुमको ढूँढू,
ज्योँ प्यासा सावन को,
हो ज्यो प्यासा सावन को,
मन मँदिर में,
ज्योति जगादो,
हे प्रभू नँगली निवासी,
फिर भी है मीन पियासी,
फिर भी है मीन पियासी।।

तेरे निशदिन जल में लेकिन,
फिर भी है मीन पियासी,
फिर भी है मीन पियासी।।

गुरुदेव का नाम ही हमारा सबसे बड़ा सहारा है। जो भी सच्चे मन से उन्हें स्मरण करता है, वह कभी अकेला नहीं रहता। उनकी महिमा को शब्दों में बाँधना असंभव है। अधिक भक्ति भाव से जुड़ने के लिए “गुरुदेव मेरे गुरुदेव मेरे”, “बँदगी दुख तमाम हरती है”, “जो गए गुरु द्वारे भव से पार हो गए” और “तेरी महिमा को न जानूँ मैं गुरुदेव” भजन भी पढ़ें और गुरुदेव की अपार कृपा का अनुभव करें।









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