मनुष्य का मन अक्सर बहाने बनाता है और सच्चे मार्ग पर चलने से कतराता है। रोज रोज करता है मन तू बहाने भजन हमें आत्ममंथन करने को प्रेरित करता है, ताकि हम अपने आलस्य और बहानों को छोड़कर सतगुरु के मार्ग को अपनाएं। जब तक हम अपने मन को नियंत्रित नहीं करेंगे, तब तक सच्चे ज्ञान और शांति की प्राप्ति कठिन होगी।
Roj Roj Karta Hai Man Tu Bahane Bhajan Lyrics
रोज रोज करता है,
मन तू बहाने,
काहे न माने तू काहे न माने।।
कैसा प्यारा ये जन्म तूने,
गुरू से पाया है,
पर गँवाया है,
तूने हीरे को,
जैसे जरूरी है तुझे भोजन,
ऐसे ही बन्दे,
है जरूरी भजन जीने को,
बात सच्ची है ये,
नही है तराने,
काहे न माने तू काहे न माने।।
करले भजन प्राणी तर जाएगा,
यही सँग जाएगा,
तेरे काम आएगा,
कई जन्मो तक,
कोई नही साथ तेरे जाएगा,
न कोई रोएगा,
न पूछेगा तेरी सदियो तक,
कोई नही आएगा,
यम से बचाने,
काहे न माने तू काहे न माने।।
गुरू चरणो का ध्यान करले,
अभी भजले तू,
नाम जपले श्री सतगुरू का,
आवागमन तेरा कट जाएगा,
भव तर जाएगा,
कर भरोसा तू अपने प्रभू का,
जिसने जपा है नाम,
वो ही ये माने,
काहे न माने तू काहे न माने।।
रोज रोज करता है,
मन तू बहाने,
काहे न माने तू काहे न माने।।
गुरुदेव की कृपा से ही हम अपने मन के भटकाव को रोक सकते हैं और सही दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। इसलिए, सच्ची श्रद्धा से गुरुवाणी को अपनाना चाहिए। आगे “तुझे गुरु कितना समझाए पर तेरी समझ न आए”, “साधन पे कभी न तू मन किया गौर गुरु बिन नहीं”, “जो गए गुरु द्वारे भव से पार हो गए”, और “हरि नाम सुमरले बंदे जीवन को सफल बना ले” भजन भी पढ़ें और आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ाएं।

मैं मां दुर्गा की आराधना व पूजा-पाठ में गहरी आस्था रखती हूं। प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करती हूं और मां दुर्गा से जुड़े शक्तिशाली मंत्र, दिव्य आरती, चालीसा एवं अन्य पवित्र धार्मिक सामग्री भक्तों के साथ साझा करती हूं। मेरा उद्देश्य श्रद्धालुओं को सही पूजा विधि सिखाना और उन्हें आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित कर कृपा प्राप्त करने में सहायक बनना है। View Profile