अरे प्राणिऐ तूने कहना गुरू का न माना

गुरु की वाणी सत्य का मार्ग दिखाने के लिए होती है, लेकिन अक्सर मनुष्य अपनी ही समझ पर भरोसा करके उसे अनदेखा कर देता है। अरे प्राणिऐ तूने कहना गुरू का न माना भजन हमें इस सच्चाई का अहसास कराता है कि जो गुरु के उपदेशों की अवहेलना करता है, वह जीवन में भटकता रहता है। यह भजन हमें चेतावनी देता है कि समय रहते सतगुरु की बातों को मानकर सच्चे मार्ग पर चलना ही बुद्धिमानी है।

Are Praniye Tune Kahna Guru Ka Na Mana

अरे प्राणिऐ तूने,
कहना गुरू का न माना,
पड़े पछिताना तुझे पड़े पछिताना,
अरे प्राणिऐ तुने,
कहना गुरू का न माना।।

तू ने कहा था हरदम नाम जपूँगा,
तू ने कहा था हरदम नाम जपूँगा,
मर्जी बिना तेरी पाँव न धरूँगा,
किया है मगर तू ने,
किया है मगर तू ने,
हर पल नया एक बहाना,
पड़े पछिताना तुझे पड़े पछिताना,
अरे प्राणिऐ तुने,
कहना गुरू का न माना।।

साथ न देगा तेरा कोई गुरु बिन,
साथ न देगा तेरा कोई गुरु बिन,
नैया तरे न तेरी भव से गुरू बिन,
सोचले प्राणी तुझको,
सोचले प्राणी तुझको,
मिलेगा कहाँ फिर ठिकाना,
पड़े पछिताना तुझे पड़े पछिताना,
अरे प्राणिऐ तुने,
कहना गुरू का न माना।।

आसान है जग मे धन मिल जाना,
आसान है जग मे धन मिल जाना,
बड़ा ही कठिन है साँचा गुरू मिल जाना,
उससे भी कठिन है प्यारे,
उससे भी कठिन है प्यारे,
गुरू नाम का मिल पाना,
पड़े पछिताना तुझे पड़े पछिताना,
अरे प्राणिऐ तुने,
कहना गुरू का न माना।।

अरे प्राणिऐ तूने,
कहना गुरू का न माना,
पड़े पछिताना तुझे पड़े पछिताना,
अरे प्राणिऐ तुने,
कहना गुरू का न माना।।

गुरु की कृपा से ही जीवन की राहें सरल होती हैं और आत्मा का उद्धार संभव है। जो भी उनके वचनों पर विश्वास करता है, वही असली आनंद प्राप्त करता है। आप “सोऐ को सँत जगाऐ फिर नीँद न उसको आऐ”, “तेरी नौका में जो बैठा वो पार हो गया गुरुदेव”, “भजले नाम गुरू का रे मनवा बीत रही है स्वाँसा”, और “हरि नाम सुमरले बन्दे जीवन को सफल बना ले” भजन भी पढ़ें और गुरु वचनों को अपनाकर अपना जीवन सार्थक बनाएं।

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