तेरी करती रहूं मैं चाकरी वरदान यही मैं चाहूँ लिरिक्स

माँ भगवती की भक्ति में डूबे भक्त हमेशा यही चाहते हैं कि उनकी सेवा और चाकरी का अवसर उन्हें जीवनभर मिलता रहे। तेरी करती रहूं मैं चाकरी वरदान यही मैं चाहूँ भजन माँ के चरणों में समर्पण और भक्ति का एक अनुपम उदाहरण है। यह भजन हमें माँ के प्रति अटूट प्रेम और समर्पण की भावना से जोड़ता है, जहां भक्त केवल माँ की सेवा को ही अपना सबसे बड़ा वरदान मानता है।

Teri Karti Rahu Main Chakari Vardan Yahi Main Chahun Lyrics

तेरी करती रहूं मैं चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ,
वरदान यही मैं चाहूँ,
वरदान यही मैं चाहूँ,
वरदान यही मैं चाहूँ,
तेरी करती रहूँ मैं चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ,
माँ शेरावाली वर देना,
माँ ज्योता वाली वर देना।।

एक जनम क्या कई जन्मों तक,
तेरी सेवा पाऊं,
सुन्दर सुन्दर इन हाथों से,
तेरे द्वार सजाऊँ,
मेरी लगती रहें दर हाजरी,
वरदान यही मैं चाहूँ,
तेरी करती रहूँ मैं चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ।।

अपनी आँखों के पलकों से,
तेरा अंगना बुहारूं,
तन मन के फूलों से,
अम्बे मंदिर तेरा सवारुं,
बस मैं ये चाहूँ तेरी चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ,
तेरी करती रहूँ मैं चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ।।

तेरी करती रहूं मैं चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ,
वरदान यही मैं चाहूँ,
वरदान यही मैं चाहूँ,
वरदान यही मैं चाहूँ,
तेरी करती रहूँ मैं चाकरी,
वरदान यही मैं चाहूँ,
माँ शेरावाली वर देना,
माँ ज्योता वाली वर देना।।

स्वर / संगीत – डॉ तापसी नागराज।

माँ दुर्गा की कृपा जिस पर होती है, उसका जीवन आनंद और सुख से भर जाता है। “तेरी करती रहूं मैं चाकरी वरदान यही मैं चाहूँ” भजन भक्त और माँ के बीच एक अनोखा रिश्ता दर्शाता है, जिसमें प्रेम, भक्ति और समर्पण की मिठास घुली हुई है। अगर आप माँ के अन्य भजनों से भी जुड़ना चाहते हैं, तो [“हे शेरावाली नजर एक कर दो”](भजन लिंक) भी जरूर सुनें, जिससे आपकी श्रद्धा और भक्ति और प्रबल हो जाएगी। जय माता दी! 🙏✨

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