“कुछ लेना ना देना मगन रहना” भजन हमें इस संसार की माया से ऊपर उठकर भक्ति और समर्पण के आनंद में लीन रहने की प्रेरणा देता है। जब मनुष्य निःस्वार्थ होकर गुरुदेव की शरण में रहता है, तब उसे किसी भी सांसारिक मोह-माया की चिंता नहीं होती। यह भजन गुरुदेव के चरणों में अटूट विश्वास और सच्चे समर्पण की भावना को दर्शाता है।
Kuchh Lena Na Dena Magan Rahna Bhajan Lyrics
दोहा
राम नाम की झोपड़ी,
और पापी के दस गाँव,
आग लगे उस गाँव को,
जहाँ नहीं राम को नाम।
राम नाम रटते रहो,
जब लग घट में प्राण,
कभी तो दीनदयाल के,
भनक पड़ेगी कान।
कुछ लेना ना देना मगन रहना,
पाँच तत्व का बना रे पिंजरा,
पाँच तत्व का बना रे पिंजरा,
जा में बोले मेरी मैना,
कूछ लेना ना देना मगन रहना।।
तेरा साईं तेरे अंदर,
तेरा साईं तेरे अंदर,
अब तो देख सखी खोल नैना,
कूछ लेना ना देना मगन रहना।।
गहरी नदियाँ नाव पुरानी,
गहरी नदियाँ नाव पुरानी,
केवटिया से मिले रहना,
कूछ लेना ना देना मगन रहना।।
कहत कबीर सुनो भई साधो,
कहत कबीर सुनो भई साधो,
गुरु चरण में लिपट रहना,
कूछ लेना ना देना मगन रहना।।
कुछ लेना ना देना मगन रहना,
पाँच तत्व का बना रे पिंजरा,
पाँच तत्व का बना रे पिंजरा,
जा में बोले मेरी मैना,
कूछ लेना ना देना मगन रहना।।
गुरुदेव की कृपा से ही जीवन में सच्चा आनंद और संतोष मिलता है। “कुछ लेना ना देना मगन रहना” भजन हमें भक्ति में लीन रहने की प्रेरणा देता है, जिससे मन का सारा बोझ हल्का हो जाता है। गुरुदेव की महिमा को और अधिक जानने के लिए “गुरुदेव के चरणों की गर धूल जो मिल जाए”, “जबसे पिलाई गुरुवर ने कृष्णा के नाम की”, “तेरी कृपा ही मेरा सब कुछ ओ मेरे सतगुरु प्यारे” और “जनम जनम का साथ हैं गुरुदेव तुम्हारा” भजनों को भी पढ़ें और अपने मन को भक्ति में रमाएं।

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। जय सनातन धर्म