अंबरनाथ शिव मंदिर, जिसे अम्बर्णाथ शिव मंदिर भी कहा जाता है, महाराष्ट्र के ठाणे जिले में स्थित एक अत्यंत प्राचीन और भव्य मंदिर है। यह मंदिर अपनी अद्वितीय वास्तुकला, गहराई में स्थित गर्भगृह और ऐतिहासिक महत्व के कारण न केवल भक्तों बल्कि इतिहास प्रेमियों के लिए भी एक विशेष स्थान रखता है। आइये Ambernath Shiv Mandir के बारे में आपको विस्तार से बताते है-
Ambernath Shiv Mandir का इतिहास और महत्त्व
Prachin Shiv Mandir Ambernath का निर्माण 1060 ईस्वी में राजा चित्तराज ने शुरू किया था और बाद में उनके पुत्र मुमुन्नि ने इसे पूरा किया। यह मंदिर वेसरा शैली में बना है, जो द्रविड़ और नागर स्थापत्य शैलियों का मिश्रण है।
यह मंदिर 10वीं-11वीं सदी की स्थापत्य कला का बेहतरीन उदाहरण है और महाराष्ट्र के प्रमुख धार्मिक स्थलों में गिना जाता है।
मंदिर की वास्तुकला और विशेषताएं
इस मंदिर की अनूठी विशेषता इसकी अद्भुत बनावट है, जो गर्भगृह के मध्य में स्थापित है। मंदिर के गर्भगृह तक पहुँचने के लिए कुल 20 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। पूरा मंदिर क्षेत्रीय भूरे रंग के खुरदरे पत्थर से निर्मित है, जो इसकी विशिष्ट पहचान है। मंदिर की दीवारें तिरछी और नालीदार बनावट वाली हैं, ताकि यहाँ भव्य और सूक्ष्म मूर्तिकला और सजावट की जा सके। तीन प्रवेश द्वारों से मंदिर के केंद्रीय हॉल तक पहुंच संभव है, जो मंदिर की भव्यता को दर्शाते हैं।
मंदिर की वास्तुकला हेमाडपंथी शैली में है, जो पत्थरों पर खूबसूरत नक्काशी से जानी जाती है। यह मंदिर एक बड़े पत्थर को काटकर बनाया गया है, जो 10वीं सदी के स्थापत्य कौशल की उत्कृष्टता को दर्शाता है।
मंदिर की मान्यता
Shiv Mandir Ambernath की सबसे बड़ी विशेषता यहाँ स्थित स्वयंभू शिवलिंग है, जिसका मतलब है कि यह शिवलिंग प्राकृतिक रूप से प्रकट हुआ है, इसे किसी ने निर्मित नहीं किया। इसलिए भक्त इसे अत्यंत पवित्र मानते हैं। कहा जाता है कि यहाँ की शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
मंदिर का नाम ‘अंबरनाथ’ यानी ‘आकाश के स्वामी’ से जुड़ा है, जो भगवान शिव के अनंत और व्यापक स्वरूप को दर्शाता है। हर साल यहाँ महाशिवरात्रि पर हजारों श्रद्धालु एकत्रित होते हैं और दिन-रात पूजा-अर्चना में लीन रहते हैं। यह त्योहार मंदिर के लिए सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव है।
भ्रमण और संपर्क जानकारी
Ambernath Shiv Mandir Address | Ambernath Prakash Nagar Shiv Mandir road, 421, 501 East, Ambernath, Maharashtra 421501 |
निकटतम रेलवे स्टेशन | अंबरनाथ (2 किमी) |
निकटतम हवाई अड्डा | मुंबई (52.4 किमी) |
जलवायु | न्यूनतम तापमान लगभग 21°C अधिकतम 36°C |
मंदिर खुलने का समय | हर दिन सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है। |
कैसे पहुंचे: मंदिर का सम्पूर्ण मार्गदर्शन
- रेल मार्ग: अंबरनाथ रेलवे स्टेशन मंदिर से लगभग 2 किलोमीटर दूर है। मुंबई से लोकल ट्रेन लेकर आप आसानी से अंबरनाथ स्टेशन पहुंच सकते हैं। स्टेशन से मंदिर तक ऑटो रिक्शा या टैक्सी द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।
- सड़क मार्ग: मुंबई से अंबरनाथ शिव मंदिर तक की दूरी लगभग 52 किलोमीटर है। आप मुंबई से निजी वाहन या बस के माध्यम से अंबरनाथ पहुंच सकते हैं। मंदिर का मुख्य मार्ग प्रकाश नगर शिव मंदिर रोड पर स्थित है।
- हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो मंदिर से लगभग 52.4 किलोमीटर दूर है। हवाई अड्डे से टैक्सी या लोकल परिवहन से मंदिर पहुंचा जा सकता है।
Ambernath Shiv Mandir Festival: दिव्य दिन
- महाशिवरात्रि: यहाँ का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार महाशिवरात्रि है। इस दिन देशभर से हजारों श्रद्धालु मंदिर में पूजा-अर्चना करने आते हैं। मंदिर परिसर में भव्य भजन, कीर्तन और रात्रि जागरण का आयोजन होता है।
- सावन मास: सावन के महीने में हर सोमवार को विशेष पूजा की जाती है। भक्त इस दौरान भगवान शिव के मंदिर में जलाभिषेक, बेलपत्र अर्पण और भजन-कीर्तन में भाग लेते हैं।
- प्रदोष व्रत: प्रदोष के दिन शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व होता है। अंबरनाथ शिव मंदिर में भी प्रदोष व्रत बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
- कार्तिक पूर्णिमा: यह दिन भी धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है और मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन होता है।
ये त्योहार न केवल धार्मिक आस्था को बढ़ावा देते हैं बल्कि भक्तों को एक साथ आने और भगवान शिव की भक्ति में लीन होने का अवसर भी प्रदान करते हैं।
मंदिर के आसपास घूमने की जगहें
- वडवान नदी किनारा: मंदिर के पास बहती वडवान नदी का किनारा प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है, जहाँ आप शांति से बैठकर प्रकृति का आनंद ले सकते हैं।
- अंबरनाथ का प्राचीन शहर: अंबरनाथ शहर में कई पुराने मंदिर और धार्मिक स्थल हैं, जिन्हें देखना भी धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव देता है।
- माहुर (Mahur): अंबरनाथ से लगभग 70 किलोमीटर दूर स्थित माहुर, एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है जहाँ देवी कालिका का मंदिर है। यहाँ की यात्रा धार्मिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है।
- कळसुबाई पर्वत: महाराष्ट्र की सबसे ऊँची चोटी कळसुबाई, अंबरनाथ से लगभग 50 किलोमीटर दूर है। पर्वतारोहण और प्राकृतिक दृश्यावलोकन के लिए यह बेहतरीन जगह है।
- मासिंजीवली: यह भी एक शांतिपूर्ण स्थल है जहाँ प्राकृतिक नज़ारे और पहाड़ी इलाका घूमने के लिए उपयुक्त है।
अगर आप भगवान शिव की भक्ति में डूबकर एक शांत और आध्यात्मिक अनुभव लेना चाहते हैं, तो Ambernath Shiv Mandir एक उत्तम स्थल है। इसका इतिहास, अनोखी वास्तुकला और पवित्रता मन को श्रद्धा से भर देती है। साथ ही आप jatoli shiv mandir, tryambakeshwar shiv mandir और 108 shiv mandir जैसे अन्य शिव मंदिरो के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकते है, ये आपकी यात्रा को और भी गहराई देंगे।
FAQ
मंदिर का इतिहास क्या है?
इस मंदिर का निर्माण 1060 ई. में शिल्हार वंश के राजा मम्मुनी द्वारा करवाया गया था।
मंदिर के दर्शन का समय क्या है?
सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक मंदिर खुला रहता है, श्रावण मास, महाशिवरात्रि और सोमवार को दर्शन करना विशेष पुण्यदायक माना जाता है।
क्या यह मंदिर राष्ट्रीय धरोहर है?
हाँ, यह एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है जिसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित किया गया है।
मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके। View Profile 🚩 जय श्री राम 🚩