समर चली महाकाली माता भजन लिरिक्स

जब भी अन्याय और अधर्म अपने चरम पर होता है, तब महाकाली अपने भक्तों की रक्षा के लिए प्रकट होती हैं। समर चली महाकाली माता भजन में माँ काली की अपार शक्ति और उनके रौद्र रूप का वर्णन किया गया है। यह भजन हमें यह विश्वास दिलाता है कि जब-जब संसार में संकट आता है, तब-तब माँ काली अपने भक्तों के कष्ट हरने के लिए समर (युद्ध) में उतरती हैं। आइए, इस भक्ति-रस में डूबकर माँ महाकाली की महिमा गाते हैं।

Samar Chali Mahakali Mata Bhajan Lyrics

समर चली महाकाली,
समर चलीं महाकाली,
काला खप्पर हाथ धरे माँ,
मुंडन माला डाली,
समर चलीं महाकाली,
समर चलीं महाकाली।।

एक हाथ में खडग धरे माँ,
दूजे त्रिशूल है धारी,
तीजे में है चक्र सुदर्शन,
चौथे कटार संभाली,
समर चलीं महाकाली,
समर चलीं महाकाली।।

आँखों से चिंगारी छोड़े,
मुंह से निकले ज्वाला,
थर थर कांपे देखो असुरदल,
ऐसी ले किलकारी,
समर चलीं महाकाली,
समर चलीं महाकाली।।

पल में कई दानव संहारे,
पल में चट कर डाली,
पल में कई को राख बनाई,
ऐसी ले हुंकारी,
समर चलीं महाकाली,
समर चलीं महाकाली।।

कालो की माँ काल बनी रे,
रणचंडी माँ ज्वाला,
दे मुझे आँचल की छैया,
मैया मेहरवाली,
समर चलीं महाकाली,
समर चलीं महाकाली।।

समर चली महाकाली,
समर चलीं महाकाली,
काला खप्पर हाथ धरे माँ,
मुंडन माला डाली,
समर चलीं महाकाली,
समर चलीं महाकाली।।

Singer – Shahnaaz Akhtar

माँ काली की शक्ति और करुणा अनंत है। जब भी भक्त सच्चे मन से पुकारते हैं, माँ दौड़ी चली आती हैं। यदि आपको यह भजन पसंद आया, तो “लुटा दिया भंडार शेरावाली ने” भजन भी अवश्य सुनें, जिसमें माँ दुर्गा की कृपा और उनके भक्तों पर बरसने वाले आशीर्वाद का सुंदर वर्णन किया गया है। जय मातादी! 🙏🔥

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