गुरुवर मेरी ओर अपनी नजरिया रखियो लिरिक्स

गुरुदेव की कृपा दृष्टि जिस पर पड़ती है, उसका जीवन संवर जाता है। भक्त की एक ही प्रार्थना होती है कि गुरुवर सदैव अपनी नजर कृपा से भरकर रखें, ताकि जीवन में कभी अंधकार न आए। “गुरुवर मेरी ओर अपनी नजरिया रखियो” भजन इसी श्रद्धा और भक्ति का सुंदर वर्णन करता है। जब हम इसे पढ़ते या करते हैं, तो हमारे हृदय में गुरुदेव के प्रति समर्पण और गहरा हो जाता है।

Gurudev Meri Or Apni Najriya Rakhiye Lyrics

मेरी तामसी काया,
ज्ञान नहीं पाया,
तन में छिपो चोर,
अपनी नजरिया रखियो,
गुरुवर मेरीं ओर,
अपनी नजरिया रखियो।।

मैं तो गूढ़ अज्ञानी,
भक्ति नहीं जानी,
तन में छिपो चोर,
अपनी नजरिया रखियो,
गुरुवर मेरीं ओर,
अपनी नजरिया रखियो।।

गुरु जी भूल मति जइयो,
चले तुम अइयो,
सुमिरत भई देर,
अपनी नजरिया रखियो,
गुरुवर मेरीं ओर,
अपनी नजरिया रखियो।।

गुरुवर मेरी ओर,
अपनी नजरिया रखियो।।

गुरुवर की कृपा ही सच्चा संबल है, जो हर कठिनाई में हमारा मार्गदर्शन करती है। उनकी दृष्टि जिस पर बनी रहती है, वह सदा आनंद और शांति का अनुभव करता है। यदि यह भजन आपके मन को भक्ति से भरता है, तो “गुरुदेव मेरे गुरुदेव मेरे”, “गुरु की महिमा कोई ना जाने”, “जब सिर पे गुरु जी का हाथ फिर मन तोहे चिंता काहे की” और “पितु मातु सहायक स्वामी सखा गुरुदेव” जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और गुरुदेव की महिमा का गुणगान करें।









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