गुरुदेव के चरणों में की गई सच्ची प्रार्थना कभी व्यर्थ नहीं जाती। जब हम अपने मन की बातें श्रद्धा और समर्पण से गुरु को अर्पित करते हैं, तो उनकी कृपा से जीवन संवर जाता है। “गुरुदेव मेरी ये प्रार्थना है” भजन इसी भावना को व्यक्त करता है, जहां भक्त अपने हृदय से गुरु को पुकारता है और उनसे आशीर्वाद की याचना करता है। यह भजन हमें गुरुदेव की महिमा और उनकी करुणा का अनुभव कराता है।
Gurudev Meri Ye Prathna Hai Bhajan Lyrics
गुरुदेव मेरी ये प्रार्थना है,
भूलूँ कभी ना मैं हरि नाम प्यारा,
शुकदेव मेरी ये प्रार्थना है,
भूलूँ कभी ना मैं हरि नाम प्यारा,
छूटे भले ये संसार सारा,
छूटे कभी ना सहारा तुम्हारा,
गुरुदेव मेरी यह प्रार्थना है,
भूलूँ कभी ना मैं हरी नाम प्यारा।।
अपराधी मैं तुम क्षमा के हो सागर,
तुम प्रेम दाता मेरी खाली गागर,
एक बार देखो दशा मेरी आकर,
काहे को करते हो मुझसे किनारा,
गुरुदेव मेरी यह प्रार्थना है,
भूलूँ कभी ना मैं हरी नाम प्यारा।।
नियम नही है संयम नहीं है,
वैराग्य का एक लक्षण नही है,
भक्ति नही है साधन नहीं है,
रो रो के तुमको कभी ना पुकारा,
गुरुदेव मेरी यह प्रार्थना है,
भूलूँ कभी ना मैं हरी नाम प्यारा।।
आंखों से माया का पर्दा हटा दो,
युगल को दिखा दो दासी बना दो,
निज रूप गुरुदेव अपना जना दो,
तुम बिन मेरा ना होगा गुजारा,
गुरुदेव मेरी यह प्रार्थना है,
भूलूँ कभी ना मैं हरी नाम प्यारा।।
ना अपराध मेरे चित में धरोगे,
कृपा के बने हो कृपा ही करोगे,
क्षमा से भरे हो क्षमा ही करोगे,
बुला ‘गौरदास’ चरण सिर धरोगे,
तभी होगा मुझसे अधम का निवारा,
गुरुदेव मेरी यह प्रार्थना है,
भूलूँ कभी ना मैं हरी नाम प्यारा।।
गुरुदेव मेरी ये प्रार्थना है,
भूलूँ कभी ना मैं हरि नाम प्यारा,
शुकदेव मेरी ये प्रार्थना है,
भूलूँ कभी ना मैं हरि नाम प्यारा,
छूटे भले ये संसार सारा,
छूटे कभी ना सहारा तुम्हारा,
गुरुदेव मेरी यह प्रार्थना है,
भूलूँ कभी ना मैं हरी नाम प्यारा।।
गुरुदेव की कृपा से ही हर प्रार्थना पूर्ण होती है और जीवन में सच्ची शांति प्राप्त होती है। यदि यह भजन आपको भक्ति और श्रद्धा से भरता है, तो “कोटि कोटि प्रणाम है गुरूवर आपके चरणों में”, “लिखने वाले तू होके दयाल लिख दे”, “मेरे गुरु ही गोविंद हैं दूसरा ना कोई” और “पगलिया पूजो रे गुरु जी का चंदन घोल घोल कर” जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और गुरुदेव की भक्ति में लीन हों।